स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशाला का आयोजन..

दुनियाभर में अक्टूबर को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप मे मनाया जाता है। इसी को लेकर शनिवार को आईएमए भवन में स्तन संबंधित रोग व स्तन कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। मुख्य वक्ता टाटा कैंसर अस्पताल कोलकाता के प्रख्यात कैंसर विशेषज्ञ डॉ. संजीत कुमार अग्रवाल ने ब्रेस्ट कंजर्वेशन सर्जरी के बारे विस्तृत जानकारी दी। बताया कि अब ब्रेस्ट कैंसर में स्तन को पूरी तरह से हटाने की जरूरत नहीं है, बल्कि सर्जरी से इलाज संभव है। इसे ब्रेस्ट ऑनकोप्लास्टिक कहते हैं। मेडिकल ऑंकोलॉजिस्ट डॉक्टर दीपक दपकरा ने बताया कि पहले कैंसर की दवाएं नहीं थी। लेकिन, अब बहुत सारे नए मेडिसिन आ गए हैं। जिनसे कैंसर के शुरुआती स्टेज में ही इसे ठीक किया जा सकता है।

इधर, वक्ताओं के संबोधन के बाद पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। रिंची ट्रस्ट हॉस्पिटल की कैंसर सर्जन डॉ नम्रता महनसरिया ने बताया कि पैनल डिस्कशन में राज्य में किन-किन चीजों में इलाज के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्यों नेशनल लेबल के रेशों से काम नहीं कर पा रहे इन मुद्दों पर चर्चा कर सुझाव दिए गए।

स्तन कैंसर को लेकर रिंची ट्रस्ट हॉस्पिटल की स्तन कैंसर विशेषज्ञ डॉ. नम्रता महनसरिया ने बताया कि राजधानी में हर विशेषज्ञ डाक्टरों के पास हर माह करीब 25 से 30 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकायत लेकर आ रही हैं। इसके अनुसार, 300 से 350 महिलाएं हर माह ब्रेस्ट कैंसर की जांच कराने पहुंच रहीं हैं। इनमें विवाहित महिलाओं के साथ-साथ अविवाहित महिलाएं भी शामिल हैं। अविवाहित महिलाओं का प्रतिशत काफी कम है, लेकिन इस ग्रुप की महिलाओं में कैंसर को लेकर जागरूकता बढ़ी है।

डा. नम्रता बताती हैं कि स्तन में जब गांठ का पता महिलाओं को चलता है, तो वे इसे नजरअंदाज कर देती हैं। उन्हें लगता है कि इसमें दर्द नहीं है, तो कोई समस्या नहीं होगी। कुछ महिलाएं मानती हैं कि जब वे अपने बच्चे को फीडिंग नहीं करातीं तो इससे भी गांठ होता है, जबकि यह मानना गलत है। ऐसी स्थिति में डाक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए, ताकि वक्त रहते इसका इलाज किया जा सके। इन सब में एक बड़ा सामाजिक कारण भी है। महिलाएं परिवार के साथ इस पर चर्चा करने में भी असहज महसूस करती हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर की जंग जीत चुके लोगों के लिए जीविशा ग्रुप बनाया जा रहा है। इसमें झारखंड की महिलाएं, जो ब्रेस्ट कैंसर से लड़ रही हैं या जिसने बीमारी से जीत हासिल की है, उसे शामिल किया जाएगा।

इस मौके पर रिम्स से डा. अनूप, डा. रोहित, डा. अभिषेक वर्मा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. उषा नाथ, डा. आलम अंसारी, डा. स्वेताम कुमार सहित अन्य डाक्टरों ने भी मौजूदा कैंसर के इलाज पर प्रकाश डाला।

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