रांची: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने शिक्षकों, कर्मियों, विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए कोविड टीकाकरण अनिवार्य किया है। इसके लिए शिक्षकों, कर्मियों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को 31 दिसंबर तक कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र प्रोविजनल या फाइनल विश्वविद्यालय में जमा करने का निर्देश दिया है। इसके बिना कैंपस में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। विश्वविद्यालय में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की संख्या लगभग 350 हैं। वहीं, स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की कक्षाएं ब्लेंडेड मोड में चल रही हैं। वर्तमान कैंपस में रोजाना आनेवाले विद्यार्थियों और शोधार्थियों की संख्या लगभग 1000 हैं। इनमें छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थी भी शामिल हैं।
सीयूजे के डीन एकेडेमिक प्रो मनोज कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी शिक्षण, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, शोधार्थियों और छात्रों का शत-प्रतिशत टीकाकरण प्राप्त करने का निर्णय लिया है। इसके मद्देजनर सभी पाठ्यक्रमों के विभागाध्यक्षों और प्रशासनिक प्रमुखों को शिक्षक, कर्मियों और विद्यार्थियों की टीकाकरण प्रक्रिया सुनिश्चित करने को कहा है। इसके लिए शिक्षकों, कर्मियों और विद्यार्थियों को संबंधित पदाधिकारियों के ईमेल जारी किए गए हैं, जिनको ऑनलाइन टीकाकरण प्रमाणपत्र भेजा जा सकता है। शोधार्थियों व विद्यार्थियों को अपना टीकाकरण प्रमाणपत्र डीएसडब्ल्यू को ईमेल करना है।
प्रो मनोज कुमार ने कहा कि अभी विश्वविद्यालय में पीएचडी के अलावा स्नातक और स्नातकोत्तर सेमेस्टर-3 की कक्षाएं चल रही हैं। निर्धारित तिथि तक टीकाकरण प्रमाणपत्र जमा नहीं करनेवालों को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि महामारी के खतरे को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।