झारखंड में बढ़ने नहीं देंगे उग्रवाद : डीजीपी नीरज सिन्हा

शनिवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को डीजीपी ने संबोधित किया। इस मौके पर बुद्धेश्वर उरांव के एंकाउंटर में शामिल गुमला एसपी हरदीप पी जनार्दन समेत कई पुलिस अधिकारी और जवानों को सम्मानित किया गया। वहीं इस दौरान डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि गुमला और खूंटी में हुए दोनों एंकाउंटर शानदार रहे हैं। डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि हमारे जवानों ने हौसला बनाए रखा और लक्ष्य का पीछा करते रहे, तब जाकर यह सफलता मिली है। बुद्धेश्वर उरांव का एंकाउंटर पिछले 15-20 सालों में अहम एंकाउंटर था।

गुमला में पुलिस को शुरुआती नुकसान भी हुआ, लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सलियों की संख्या कम हुई है। झारखंड में उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी और पीएलएफआई के खिलाफ पुलिस को दो दिनों में लगातार सफलताएं मिली हैं। डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि झारखंड में माओवादी तकनीक और अत्याधुनिक हथियार के बल पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ऐसा होने नहीं देगी। उन्होंने कहा की नक्सली संगठन अफीम की खेती कर भी फंड रेजिंग करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा।

बता दे कि सुरक्षाबलों ने 15 जुलाई को गुमला जिले के नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ क्षेत्र के जंगल में भाकपा माओवादी के रिजनल कमांडर (15 लाख के इनामी) बुद्धेश्वर को मुठभेड़ में मार गिराया। दूसरी तरफ 16 जुलाई की रात्रि में खूंटी-चाइबासा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पीएलएफआई उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 10 लाख का इनामी शनिचर सुरीन मारा गया। डीजीपी नीरज सिन्हा ने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें। डीजीपी ने कहा कि पुलिस का काम रक्षा करना है, एंकाउन्टर अंतिम लक्ष्य है।

माओवादी बुद्धेश्वर भाकपा माओवादियों के रिजनल कमेटी के साथ-साथ कोयल शंख जोन का सचिव भी था। बुद्धेश्वर के गुमला के कुरूमगढ़ के जंगल में छिपे होने की सूचना थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने 13 जुलाई से अभियान शुरू किया था। अभियान के पहले दिन आईईडी की चपेट में आने से श्वान द्रोण शहीद हो गया था, जबकि उसका हैंडलर भी गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। दूसरे दिन 14 जुलाई को अभियान के दौरान ही सुरक्षाबलों की मदद के लिए आए ग्रामीण की भी मौत आईईडी की चपेट में आने से हो गई थी। गुरुवार की सुबह सुरक्षाबलों की टीम अभियान में ही थी, तभी माओवादियों ने फायरिंग कर दी। जिसमें जवाबी फायरिंग में बुद्धेश्वर मारा गया। पुलिस ने मौके से एके 47, दो इंसास राइफल व आईईडी समेत कई सामान बरामद किए थे।