रविवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने रांची के एयरपोर्ट इलाके में पारंपरिक पत्थलगड़ी कर एक गैरमजरुआ जमीन को अपने कब्जे में ले लिया। यह जमीन एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के कूटे टोली गांव में स्थित है। ग्रामीणों का कहना है कि पांच एकड़ के इस जमीन को बिना ग्रामसभा की अनुमति के एक एनजीओ को आवंटित कर दिया गया था, जो गलत है|
इससे पहले पत्थलगड़ी को लेकर हटिया-ओबरिया, बड़ा टोली गांव में ग्रामीणों की बैठक हुई थी। इसके बाद एक पत्थर पर पेसा कानून का उल्लेख किया गया| फिर ग्रामीण पारंपरिक पूजा करते हुए गांव की टुंगरी को बचाने के लिए पत्थल गाड़ दिया गया। इस पूरे मामले पर ग्राम प्रधान राधे तिर्की ने बातचीत करते हुए कहा कि पेसा कानून के अंतर्गत बिना ग्रामसभा की अनुमति के गांव की जमीन किसी संस्था को नहीं दी जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने फर्जी ग्राम सभा की स्वीकृति दिखाकर गांव की इस गैर मजूरवा जमीन को एक एनजीओ को आवंटित कर दिया| इसी को लेकर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।
उधर, मामले की सूचना मिलते ही पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे। लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस की कोई बात नहीं मानी| उनलोगों ने ये साफ कह दिया कि ये पत्थलगड़ी संविधान के खिलाफ नहीं है| ये पत्थलगड़ी तो अपनी जमीन बचाने के लिए आदीवासी देवता सिंगबोगा औऱ ग्राम देवता के नाम पर की जा रही है| ढोल-मांदर की थाप पर, रिति-रिवाज से ग्रामीणों ने पत्थलगड़ी को अंजाम दिया| इस दौरान महिलाएं सरना प्रार्थना करती नज़र आई