उग्रवादी हिंसा के पीड़ितों को दो बार मिला मुआवजा, केंद्रीय ऑडिट में खुलासा..

राज्य सरकार द्वारा उग्रवादी हिंसा के शिकार आठ लोगों के आश्रितों में मुआवजे की राशि दोबारा बांटी गई है | जिसके तहत प्रत्येक आश्रित को तीन लाख रुपये मुआवजा के हिसाब से कुल 24 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है। इस मामले का खुलासा केंद्रीय ऑडिट में हुआ है।जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने अतिरिक्त भुगतान से संबंधित अपनी राशि राज्य सरकार से वापस मांगी है | जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इस मामले में राज्य सरकार से पत्राचार किया है।

आपको बता दें कि रांची उग्रवादी हिंसा में जिनकी मौत हो गई है उनके आश्रितों के लिए केंद्रीय अनुदान के रूप में तीन लाख रुपये प्रति मृतक को देने का प्रावधान है। जिसके तहत 2011 से 2013 के बीच सभी आठ मृतकों के आश्रितों को 24 लाख रुपये का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया था। इसके बावजूद रांची जिला प्रशासन ने लापरवाही बरतते हुए 2018 व 2019 में दोबारा कुल राशि 24 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है। इस अनियमितता को केंद्रीय गृह मंत्रालय की इंटरनल ऑडिट विंग ने पकड़ा है | साथ ही ,अतिरिक्त भुगतान की राशि की वसूली की अनुशंसा भी की गई है।

जानकारी के अनुसार जिनलोगों को दोबारा राशि का भुगतान किया गया है उनमें – जॉन नाग, लखिमनी देवी, रसोवती देवी, बॉबी देवी, देगम महतो, रंजीत महतो, हरिराम महतो, बुंदिया मुंडा। आपको बता दें कि झारखंड में उग्रवादी हिंसा में मारे जाने वाले एक व्यक्ति के आश्रित को राज्य सरकार नौकरी देती है।वहीं , आश्रित परिवार को केंद्र सरकार की तरफ से अनुदान भी मिलता है।

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