कांके में एक बार फिर अर्बन हाट के निर्माण का कार्य शुरू होनेवाला है | अर्बन हाट के निर्माण में 17 करोड़ का बजट रखा गया है | आपको बता दें कि अर्बन हाट के निर्माण में अब तक पांच करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।बाकि बचे 12 करोड़ से अधूरे निर्माण को कार्य करवाना निगम की ज़िम्मेदारी है | अर्बन हाट के निर्माण के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया तेज हो गई है | साथ ही , नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि हफ्ते भर के अंदर इस का टेंडर जारी कर दिया जाएगा। नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि नगर विकास विभाग से अर्बन हाट के अधूरे काम पूरा करने की मंजूरी मिल गई है। एक सप्ताह के अंदर निगम निविदा निकाल देगा।
आपको बता दें कि दो साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अर्बन हाट के निर्माण पर रोक लगा दी थी और अर्बन हाट की जगह उन्होंने स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने का आदेश दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नगर विकास विभाग ने स्किल डेवलपमेंट सेंटर का डीपीआर तैयार किया था | जिस पर करीब 30 करोड़ रुपये खर्च होने थे। लेकिन, इसी बीच झारखंड में सरकार बदल गई। जिससे निर्माण अधूरा रह गया | दरअसल , 30 अगस्त 2016 को अर्बन हाट का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा की गई थी | उनकी यह सोच थी कि यहां देश-विदेश के शिल्पकार दुकान लगाएंगे और स्थानीय शिल्पकारों को भी अपना उत्पाद बेचने के लिए बाजार मिलेगा।अर्बन हाट का निर्माण कार्य भी शुरू हुआ, लेकिन अचानक सरकार ने इसके निर्माण पर रोक लगा दी। अर्बन हाट की जगह इसे स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने का फैसला हुआ। तबतक योजना में पांच करोड़ रुपये खर्च भी हो चुके थे, लेकिन उसके बाद जो काम रुका वो आज तक शुरू नहीं हुआ।
निर्माण अधूरा रहने के कारण अर्बन हाट झाड़ियों से ढंक चुकी है। वहां की पाइप और नल पूरी तरह से टूट चुके हैं। हॉल में लोहे की छड़ें बेकार पड़ी हैं। कमरों में दारू-शराब की बोतलें पड़ी हुई थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि रोज शाम को असामाजिक तत्वों द्वारा यहां अड्डेबाजी होती है। कमरों में बने शटर को नीचे गिराकर असामाजिक तत्वों द्वारा यहां गांजा और शराब पीना तो आम बात हो गई है। इसके अलावा अर्बन हाट के कमरों को लोग शौचालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। परिसर में एक क्रशर मशीन भी पड़ी-पड़ी सड़ गई है। ऐसे में एक बार फिर इसकी सूरत बदलने की कवायद शुरू कर दी गई है।