मिथलेश ठाकुर के बयान पर सदन में हंगामा, विपक्षी दल ने की इस्तीफे की मांग..

बुधवार को बजट सत्र के दौरान राज्य के बढ़ते तापमान का असर सदन में देखने को मिला। प्रश्नकाल के दौरान कई विधायक चापानल की वर्तमान स्थिति, सरकार की तैयारी,लंबित जलछाजन योजना तथा बाघमारा के बीसीसीएल क्षेत्र में पेयजल की समस्या को लेकर काफी देर तक वाद-विवाद करते नज़र आए। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के विधायकों ने सदन में पानी के संकट को लेकर जमकर हंगामा किया। कई बार उनके सवालों पर सरकार घिरती हुई नज़र आयी।
विधायक और सांसद निधि की ओर से स्थापित चापानल की मरम्मत का सवाल बीजेपी विधायकों द्वारा कार्रवाई के दौरान उठाया गया। जिसपर पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं कि कौन सा विभाग चापानल की मरम्मत करता है। मिथलेश ठाकुर के इस बयान पर सभा में हंगामे की स्थिति पैदा हो गयी।

बोकारो विधायक सह विपक्षी दल के मुख्य सूचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि जब सरकार को ही नहीं पता कि चापानल की मरम्मत कौन करेगा, तो ऐसा बयान देने वाले मंत्री को अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। वहीं राज्य के ग्रामीण मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि प्रत्येक चापानल को पीएचईडी मापदंड के अनुसार लगाया जाता है जिसकी सूची जिलों में रहती है। राशि उपलब्ध होने पर पेयजल विभाग द्वारा इन सभी का मरम्मत कराया जाएगा।

चापानल की वर्तमान स्थिति से सदन को अवगत कराते हुए, पेयजल स्वच्छता मंत्री ने सदन में आंकड़े भी पेश किए। इन आंकड़ों के अनुसार 8 हजार 848 चापानल की विशेष मरम्मती, 12 हजार 464 का वाटर लेबल की समस्या, 1 हजार 634 में पाइप ठीक कराना, 1 लाख 10 हजार में सामान्य मरम्मती का कार्य पूरा करने का दावा किया गया। साथ ही हर पंचायत में 5 नये चापानल लगाने की बात कही गई है, जबकि संसदीय कार्य मंत्री ने लंबित जलछाजन योजना को चालू कराने का आश्वासन दिया।

बजट सत्र के दौरान पहली बार सदन में प्रश्नकाल सुचारु रूप से संचालित हो पाया। हालांकि विपक्षी विधायक, सरकार और विभाग के जवाब से ज़्यादा संतुष्ट नहीं थे।

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