झारखण्ड में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ों के लिए एक बेहद बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दरअसल, अब झारखण्ड सरकार ने ये तय किया है कि राज्य में अब किसी भी असाध्य बीमारी जैसे कैंसर, किडनी प्रत्यारोपण, लीवर के गंभीर रोगों, एसिड अटैक के इलाज के लिए लोगों को तकरीबन 10 लाख तक का सहयोग मिल सकेगा। मुक्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि “मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना” के तहत जहाँ अब तक केवल 5 लाख तक की राशि मुहैया कराई जाती थी। वहीं, अब नए बदलाव लाए जाने की तौयारी की जा रही है।
इस योजना के तहत अब तक तीन वर्ष तक अधिकतम आठ लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवारों के मरीजों के इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि देने का अधिकार सिविल सर्जनों को है। मौजूदा योजना में लाये जाने वाले बदलाव के अनुसार राशि की मंज़ूरी देने के लिए सिविल सर्जनों की अध्यक्षता में समिति गठित है। जिसमें उपायुक्त द्वारा मनोनीत पदाधिकारी के साथ-साथ, जिला के अन्य पदाधिकारी भी शामिल होते हैं। ऐसे कई मामले में मरीजों को इलाज के लिए पांच लाख रुपये से ज़्यादा की आवश्यकता होती थी। लेकिन उन्हें अधिक राशि नहीं मिल पाती थी, जिसके वजह से इलाज भी अधूरी रह जाती है। बता दें कि योजना में प्रावधान है कि विशेष मामले में यदि पांच लाख रुपये से अधिक राशि की जरूरत हो, तो कैबिनेट के अनुमोदन से इसकी स्वीकृति दी जा सकती है। लेकिन विभागीय जटिलताओं और जानकारी के अभाव की वजह से ऐसे मामले कैबिनेट तक पहुँच ही नहीं पाते।
मामले पर विचार करते हुए पिछले दिनों ही वित्त विभाग के साथ हुई बैठक में ये फ़ैसला लिया गया। विभागीय मंत्री की अध्यक्षता वाली गठित राज्य स्तरीय समिति निर्णय ले सकती है। दस लाख रुपये से अधिक मामले में ही कैबिनेट की स्वीकृति की अनिवार्यता हो, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। बता दें कि राज्य स्तरीय समिति में स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग, कल्याण विभाग के सचिव, रिम्स निदेशक सचिव सदस्य होते हैं।