केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने मेगा विस्तार योजना का किया अनावरण

झारखंड स्थित बोकारो स्टील प्लांट में बड़े पैमाने पर विस्तार की योजना बनाई गई है, जिससे इसकी उत्पादन क्षमता बढ़कर 7.55 मिलियन टन प्रति वर्ष हो जाएगी। केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना का अनावरण किया, जिसके तहत 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस विस्तार से देश के इस्पात उत्पादन को मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा।

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नए संयंत्र और अधोसंरचना विकास

बोकारो स्टील प्लांट, जिसकी स्थापना 1965 में हुई थी और जिसने 1972 में अपना पहला ब्लास्ट फर्नेस शुरू किया था, वर्तमान में 5.25 एमटीपीए क्षमता पर कार्य कर रहा है। नए विस्तार योजना के तहत इसमें एक 4500 क्यूबिक मीटर ब्लास्ट फर्नेस, थिन स्लैब कास्टिंग और डायरेक्ट रोलिंग सुविधा, एक कैल्सिनिंग प्लांट, एक स्टैम्प-चार्ज कोक ओवन बैटरी और एक सिंटर प्लांट को जोड़ा जाएगा।

रोजगार के अवसर और स्थायी विकास

परियोजना के अंतर्गत 2,500 प्रत्यक्ष नौकरियां और 10,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी, जिससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। इस्पात मंत्री कुमारस्वामी ने कहा, “यह विस्तार भारत को इस्पात उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 300 एमटीपीए इस्पात उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में सहायक सिद्ध होगा।”

डीकार्बोनाइजेशन और नवीकरणीय ऊर्जा पहल

केंद्रीय मंत्री ने संयंत्र के डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों पर भी जोर दिया और कहा कि बोकारो स्टील प्लांट 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 2.67 टन प्रति टन कच्चे इस्पात से घटाकर 2.2 टन से कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। संयंत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • 30 मेगावाट फ्लोटिंग सौर ऊर्जा उत्पादन
  • 20 मेगावाट भूमि-आधारित सौर ऊर्जा
  • 100 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा पीपीए के माध्यम से SECI से प्राप्त

कोयला आपूर्ति में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

बोकारो दौरे के दौरान, कुमारस्वामी ने तसरा कोयला खदान और चासनल्ला वाशरी का भी दौरा किया।  जिससे आयातित कोयले पर निर्भरता कम होगी। चासनल्ला वाशरी की क्षमता 2 एमटीपीए है, और इसे कोयले में राख की मात्रा को 28% से घटाकर 17% करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे इस्पात उत्पादन की दक्षता बढ़ेगी।

भविष्य की योजनाएं और सहयोग

इस अवसर पर इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश भी उपस्थित थे। उन्होंने संयंत्र में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति के बारे में केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी।

बोकारो स्टील प्लांट का यह विस्तार भारत के इस्पात उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा और क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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