बोकारो : 21 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रांची के प्रभात तारा मैदान में आयुष्मान भारत के तहत् प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के शुभारंभ के साथ ही देशभर में इस योजना की शुरूआत की थी। तब उन्होंने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर राधानगर का ऑनलाइन उद्घाटन किया था। सबसे बड़े स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यह योजना देश की दिशा और दशा बदल देगी। गरीब जहां चाहे वहां इलाज करा सकेगा। खास कर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था का पूरा सिस्टम ही बदल जाएगा। थोड़े से पैसे के लिए जो चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ समय की चोरी कर निजी अस्पतालों में सेवा देते हैं, वे अपने पदस्थापन स्थल पर सेवा देंगे। उन्हें वेतन के अलावा आयुष्मान के कार्डधारियों के इलाज करने पर इंसेटिव मिलेगा। साथ ही मरीज को सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र में आवश्यकता के अनुसार न तो दवा की कमी होगी और न ही अन्य किसी सुविधा की। लेकिन सरकारी दावा झारखंड में फेल हो गया। जिस अस्पताल में मुश्किल से 50 बेड पार्किंग प्लेस और आधा दर्जन चिकित्सक तक नहीं थे। उन अस्पतालों ने 21 सितंबर 2018 से मई 2021 के बीच करोड़ों रुपये गरीबों का इलाज कर कमा लिया। इस पर न तो प्रशासन, न ही जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया। पूरे राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों ने मिलकर 28 करोड़ की बीमार राशि प्राप्त की।
वहीं बोकारो के 32 अस्पतालों ने 22.27 करोड़ रुपये बीमा कंपनी से आयुष्मान के मरीजों का इलाज कर प्राप्त कर लिया। बोकारो के सदर अस्पताल में दो दर्जन चिकित्सक, 100 पारा मेडिकल स्टाफ, एसआरएल का लैब, 30 वेंटलेटर, फिजियोथेरेपी, आंख, दंत चिकित्सा के साथ अन्य वे सभी उपकरण हैं जो बोकारो के 70 प्रतिशत निजी अस्पताल में नहीं है। पर कमाई के मामले में ये बोकारो सदर अस्पताल से आगे निकल गए हैं। बोकारो जनरल अस्पताल को छोड़ दें तो न तो बोकारो सदर अस्पताल जितना बेड, उपकरण और अन्य सुविधा किसी भी अस्पताल में है। सबसे बड़ी बात है कि यहां न तो चिकित्सकों की कमी है और न ही अस्पताल भवन की। पर कुछ चिकित्सक जो काम करने के आदी नहीं है। वे मरीजों को भर्ती कराने के बजाय भगा देते हैं या फिर निजी अस्पतालों के दलाल उन्हें गांव से सरकारी अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल तक पहुंचा देते हैं।
वहीं बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि पहले कुछ कमी हुई है । अब आयुष्मान को बेहतर किया जा रहा है। सदर अस्पताल में अब किसी प्रकार की कमी नहीं है। बेहतर सेवा मिल रहा है। कुछ एक मामलों में सर्जन की कमी है तो उसे दूर करने का काम किया जा रहा है। लोगों से भी अपील है कि यदि उनके पास आयुष्मान कार्ड है तो उसे दिखाएं, उन्हें सुविधा दी जाएगी।