धनबाद: कोयले के अवैध खनन के दौरान दर्दनाक हादसा, चाल धंसने से एक दर्जन मजदूरों की अकाल माैत..

झारखंड के धनबाद जिले के निरसा इलाके में मंगलवार सुबह तीन स्थानों पर कोयले के अवैध खनन के दौरान सुरंग धंसने से 11 लोगों की मौत हो गई है। हादसे के बाद ईसीएल की गोपीनाथपुर कोलियरी से अबतक चार लाशें निकाली जा चुकी हैं, वहीं एक लाश कोयला तस्कर लेकर भाग गए। प्रशासन व कोलियरी प्रबंधन की ओर से मलबे को हटाने का काम जारी है। मरने वाले अधिकांश लोग स्थानीय ग्रामीण और गरीब मजदूर हैं। कुछ और शव निकलने की आशंका है। हादसे के घंटे बाद धनबाद पुलिस टाल-मटोल रवैया अपनाया। बाद में जनप्रतिनिधियों के दबाव में पुलिस सक्रिय हुई। कोयले के अवैध खदान से शवों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया।

शव निकालने के लिए विधायक और पूर्व विधायक ने बनाया दबाव..
घटना की खबर पाकर निरसा की विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद ईसीएल की कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में तड़के पांच बजे कोयले के अवैध खनन के दौरान चाल धंस गई। वहां तीन लोगों की मौत हो गई। सभी की लाश उसके साथी लेकर भाग गए हैं। मरने वाले सभी लोग बाहर के थे। वे लोग यहां रहकर कोयला काटने का काम करते थे। इसी तरह बीसीसीएल की दहीबाड़ी सी पैच परियोजना में सुबह सात बजे के करीब अवैध खनन के दौरान चाल गिरने से तीन महिला की मौत हो गई। स्वजन सभी के शव लेकर भाग गए। मरने वाली सभी लोग पतलाबाड़ी के निवासी थे। यहां पुलिस घटना के बारे में जानकार भी अनजान बनी हुई है।

कापासारा में तीन लोगों की मौत के बाद सन्नाटा..
ईसीएल मुगमा क्षेत्र की कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में मंगलवार सुबह कोयले के अवैध उत्खनन करने के दौरान चाल गिरने से तीन लोगों की मौत के बाद वहां कोयला निकालनेवालों में भगदड़ मच गई। देखते ही देखते आउटसोर्सिंग परियोजना में सन्नाटा पसर गया। मरने वाले सभी लोग दूसरे जिले के थे। रोजाना की भांति सैकड़ों की संख्या में मंगलवार को भी लोग कोयला उत्खनन करने कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में उतरे थे। तड़के करीब पांच बजे रावण सीढ़ी नामक स्थान के समीप बने मुहाना के अंदर लोग कोयला काट रहे थे। इसी दौरान अचानक चाल गिर गई। इसकी चपेट में आने से तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। कोयला काट रहे उनके सहयोगियों ने मलबे से निकालकर सभी के शव ले भागे। इस कारण मरनेवाले लोगों के नाम पते की जानकारी नहीं हो सकी है। हां, वहां हीरबांध के कलीम के मरने की चर्चा है। ईसीएल प्रबंधन को घटना की जानकारी है, मगर कुछ भी बोलने से इन्कार किया है। घटना की सूचना मिलने पर एग्यारकुंड प्रखंड की अंचलाधिकारी अमृता कुमारी कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना पहुंचीं।

बाहर से मजदूरों को मंगाकर कराया जाता अवैध उत्खनन..
कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में कोयले के अवैध धंधेबाज झारखंड के मधुपुर, जामताड़ा, विद्यासागर, चित्तरंजन, करमाटांड़, मदनपुर, हीरबाध, कंचनडीह और बंगाल के मेदिनीपुर, वीरभूम, दुर्गापुर, आसनसोल, नियामतपुर, कुल्टी, रघुनाथपुर, पुरुलिया और मुर्शिदाबाद आदि जिले से मजदूरों को मंगवाकर अवैध खनन कराते हैं। अवैध खनन कराने वाले सभी धंधेबाज स्थानीय हैं, जो इंदिरा नगर बस्ती, स्टेशन रोड मुगमा, भालुकसुंधा, चपरासी धौड़ा, बंगाल-बिहार और सुभाष कालोनी में रहते हैं।

एक टोकरी कोयला काटने पर मिलते हैं 130 रुपये..
एक मजदूर खदान में 130 रुपये में एक टोकरी कोयला बेचते हैं। दिन भर में एक एक मजदूर कम से कम 20-30 टोकरी कोयला काटता है। इन दिनों मुगमा क्षेत्र में हजारों लोग दूसरे जगह से आकर कोयला उत्खनन करने का काम कर रहे हैं। जिसकी कोई पहचान कोयला उत्खनन करने वालों के पास नहीं रहती है। ऐसे में जब दुर्घटना घट जाती है तो मजदूर मंगाने वाले कोयला कारोबारी चुप्पी साध लेते हैं।