आधुनिक तरीके से व्यावसायिक खेती कर कमा रहे हैं सालाना लाखों रुपए..

harkhand: झारखंड के गुमला के परमवीर अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड के तिल्है टोली गांव निवासी महेश भगत युवाओं को आत्मनिर्भरता और समृद्धि का रास्ता दिखा रहे है। उन्होंने व्यावसायिक तरीके से खेती कर अपना ही नहीं अपने गांव की समृद्धि में भी सहयोग कर रहे है। पूरे क्षेत्र में लोगों के लिए रोल मॉडल बन गए है। महेश भगत 30-35 एकड़ में विभिन्न प्रकार के फसलों की बड़े पैमाने पर सालोंभर वैज्ञानिक तरीके से खेती करते है।

सालाना कमाते हैं लाखों रुपए…
महेश पूर्व में विकास भारती के लिए काम करते हुए कृषि विज्ञान
केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक
करते थे ताकि किसानों को खेती का वैज्ञानिक व आधुनिक तरीका
मालूम हो सके। खेती की अच्छी समझ अपने गांव के विकास के लिए महेश ने खुद खेती करने का मन
बनाया। पहले तो शुरुआत में दो तीन एकड़ जमीन में ही खेती करना शुरू करने लगे। आधुनिक तरीके से अब वह बड़े पैमाने पर व्यावसायिक खेती करते हैं जिससे उन्हे सालाना लाखों रुपए की आमदनी हो रही है।

ग्रामीणों को देते हैं रोजगार….
महेश बताते हैं कि आधुनिक तरीके से व्यावसायिक खेती करने से उनके घर में समृद्धि तो आई ही हैं, उससे ज्यादा उन्हे इस बात की खुशी है कि उन्होंने अपने गांव के 20 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। वे बताते हैं कि इसी तरह प्रखंड के विभिन्न गांवों के किसान आधुनिक तरीके से व्यावसायिक खेती करें तो गांवों से बेरोजगारी के कारण हो रहे पलायन रुक सकेगा। खेत में लगे मटर व मिर्च तोड़ने का समय आता है तो वह 50-60 ग्रामीणों को रोजगार देते हैं।

खेतों में लगाते है विभिन्न प्रकार की फैसले….
महेश बताते हैं कि उनके पास अपनी महज दो-तीन एकड़ ही जमीन है। शेष जमीन उन्होने ग्रामीणों से लीज पर ली है। वैज्ञानिक तरीके से खेती करते हुए खेतों की सिंचाई ड्रिप सिंचाई प्रणाली से करते हैं। जिससे कि पटवन करने में पानी की काफी बचत होती है। साथ ही पटवन के लिए मजदूरी पर होने वाला खर्च भी बचता है। महेश अपने खेतो में सालोंभर मौसम के अनुसार टमाटर, फ्रेंचबीन, मटर, अरहर, मिर्चा, तरबूज, खीरा आदि की खेती करते हैं।

युवाओं को सिखाते हैं खेती की नई तकनीक…
महेंद्र बताते हैं कि इस वर्ष उन्होंने लगभग 15 एकड़ में अरहर, तीन एकड़ में मिर्च, पांच एकड़ में टमाटर, और पपीता की खेती की है। साथ ही लगभग 15 से 20 एकड़ में आम की बागवानी की है। उनकी सफलता को देखते हुए कई युवा खेतीबारी की ओर मुड़ रहे हैं। ताकि कई युवा उनके पास खेती के तरीके को सीखने आते हैं जिन्हें वे सारी जानकारी देते हैं। अब स्थिति यह है नई तकनीक के जानकार और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके महेश गुमला के अलावा अन्य जिलों में भी उनकी चर्चाएं हो रही है। कई लोगों महेश से संपर्क कर खेती के गुर भी सीख रहे है।