बच्चें हो रहे मायोपिया से ग्रसित, ऑनलाइन क्लास के कारण बच्चों में बढ़ा रहा मायोपिया का खतरा..

धनबाद: कोरोना के कारण लोगों के लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आया है। लोग डेढ़ साल से ज्यादा घरों में रहने को मजबूर है। वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन क्लासेज का भी चलन बढ़ गया है। बच्चे ज्यादातर मोबाइल पर ऑनलाइन क्लास के अलावा गेम खेलते है। जिसका असर उनकी आंखों कर पड़ने लगा है। नतीजा उनको आंखों में दर्द, सूजन, तनाव, धुंधुलाहट, पानी निकलने और शुष्क होने की शिकायत हो रही है।

नेत्र चिकत्सकों के पास आए दिन ऐसे कई मामले आ रहे है। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चे मायोपीय के शिकार हो रहे है। मायोपिया में पास की वस्तुएं साफ दिखती है लेकिन दूर की धुंधली दिखाई देती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धनबाद के करीब 200 बच्चों की आंखों की जांच में 20 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित है। राज्य स्तर पर यह आंकड़ा और ज्यादा है। राज्य के 11% बच्चे मायोपिया के शिकार है। पिछले साल आई एम्स की रिपोर्ट में देश के 13%, बच्चे इससे ग्रसित पाए गए। इसको लेकर उन्होंने सुझाव भी दिए।

इससे बचने के लिए सुझाव :

  • 1. बच्चों की ऑनलाइन क्लास का स्क्रीन टाइम सीमित हो।
    2.स्क्रीन से दूरी रखना जरूरी है।
    3.हरी सब्जियां, आंवला और बादाम के पोषक भोजन पर ज्यादा ध्यान दें।
    4. बच्चों का स्क्रीन टाइम एक से दो घंटे रखे।
    5. लैपटॉप या मोबाइल से आंखों की दूरी 18 से 24 इंच हो
    6.लगातार स्क्रीन पर देखने से बचे

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