हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों की संख्या रोड और रेल मार्ग से ज्यादा..

कोरोना के कारण ज्यादातर लोग अपने राज्य वापस लौट रहे हैं। ऐसे में कोरोना जांच की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। बता दें कि रेलवे और सड़क की तुलना में हवाई मार्ग से ज्यादा कोरोना मरीज झारखंड पहुंच रहे हैं। जुलाई के 15 दिनों में सड़क मार्ग से झारखंड आने वाले यात्रियों में जहां महज दो यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं रेल मार्ग से झारखंड आने वाले यात्रियों में 23 यात्री कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वहीं हवाई मार्ग से पहुंचने वाले 29 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसका खुलासा राज्य सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में हुआ है। पॉजिटिव यात्रियों की प्रतिशत की बात करे कि रेल मार्ग से झारखंड पहुंचने वाले यात्रियों में 0.05% लोग पॉजिटिव मिले हैं। जबकि हवाई यात्रियों में संक्रमित का 0.04% मिले हैं। प्रशासन द्वारा यात्रियों के होम आइसोलेशन में भी भेदभाव किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव का स्पष्ट आदेश है कि पॉजिटिव मरीजों को कोविड-19 अस्पताल में ही भर्ती किया जाए। जबकि ऐसा नहीं हो रहा है। हवाई मार्ग से झारखंड पहुंचने वाले सभी 29 यात्रियों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी गई है। वहीं पॉजिटिव मिले 23 रेल यात्रियों में से 13 को ही कोरोना हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जबकि 10 को होम आइसोलेशन की सुविधा दी गई है। पॉजिटिव पाए गए दोनों सड़क मार्ग यात्रियों को भी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के सभी उपायुक्तों को राज्य के सभी एंट्री पॉइंट पर यात्रियों की जांच गंभीरता पूर्वक कराने का निर्देश दिया गया है। लेकिन आदेश का पालन नहीं हो रहा है। राज्य में सबसे ज्यादा यात्रियों का प्रवेश बिहार से होता है। लेकिन एंट्री पॉइंट की बिल्कुल भी जांच नहीं की जा रही है। अन्य माध्यमों का भी यही हाल है। हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों की संख्या ट्रेन से ज्यादा है।

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