रांची : झारखंड में कोरोना ने फिर से अपनी रफ्तार पकड़ ली है। 10 दिन में ही कोरोना के दोगुने संक्रमित मरीज मिले हैं। इससे अब ये अंदाजा लगाया जा रहा कि कहीं कोरोना की तीसरी लहर राज्य में दस्तक ना दे दे। दूसरी ओर डॉक्टर भी बढ़ती संख्या को देख एलर्ट मोड में आ चुके हैं। लगातार बढ़ रहे संक्रमण के मामले अब स्वास्थ्य विभाग को भी सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। जिले में पिछले दस दिनों में दो गुना मरीज बढ़े हैं। जिले में एक दिन 11 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कुल एक्टिव मामलों की संख्या 47 हो चुकी है। जबकि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में भी पॉजिटिव मरीजों की संख्या दो तक पहुंच गई थी जो अब 8 तक पहुंच गई है।
रिम्स कोविड टास्क फोर्स के संयोजक डॉ. प्रभात कुमार ने स्पष्ट कहा कि तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। लोगों को अब संभल जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि ना सिर्फ रांची बल्कि कई जिलों से पिछले कुछ दिनों से नए संक्रमित मिलने की सूचना आ रही है। जिले में अबतक कोरोना से 1585 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल 85,260 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 83,625 लोग ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। 6 जुलाई को एक्टिव केस 70 थे। शुक्रवार को यह संख्या 47 रही। एक ओर एक्टिव केस कम हो रहे हैं लेकिन नए पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।
कोरोना की दूसरी लहर देखने के बाद अब अगर तीसरी लहर आती है तो इसका परिणाम अधिक घातक हो सकता है। इसके बावजूद लोग मास्क लगाना भूल जा रहे हैं। पोस्ट कोविड ओपीडी के डॉ. अजित कुमार ने कहा हैं कि बाजारों में लोगों की भीड़ और शारीरिक दूरी का पालन नहीं करना खतरनाक साबित हो सकता है। कोविड के बाद भी लोग संयम नहीं बरत रहे हैं। सबसे खतरनाक तो वैसे लोगों के साथ है जो अपने आप को मजबूत समझ रहे हैं और वैक्सीन भी नहीं ले रहे हैं। ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि दूसरी लहर में सभी अस्पतालों में 100 प्रतिशत बेड भर चुके थे। जिस कारण स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी।
विशेषज्ञ का कहना हैं कि तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका है। बच्चों के लिए वैक्सीन भी फिलहाल उपलब्ध नहीं है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. श्याम सिडाना बताते हैं कि बच्चों को बचाने के लिए हार्ड इम्यून सिस्टम बनाने की जरूरत है। इसके लिए घर के हर बड़े सदस्य को वैक्सीन ले लेनी चाहिए, ताकि बच्चों को खतरा कम हो सके। इसके अलावा बच्चों के इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए डायट चार्ट बनाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तीसरी लहर क्या है किसी ने नहीं देखा है लेकिन यूके में जिस तरह से बच्चों में कोरोना के मामले लंबे समय तक देखे गए उसके बाद पूरे विश्व में बच्चों के इलाज को लेकर अपडेट जारी है।