आकांक्षा अंडरग्राउंड माइन में काम करने वाली पहली मह‍िला माइन‍िंग इंजीनि‍यर बनीं..

राफेल उड़ाने से लेकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली नारी शक्ति ने कोयला जगत के चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। हजारीबाग के बड़कागांव की रहनेवाली आकांक्षा कुमारी ने सीसीएल में बतौर माइनिंग इंजीनियर अपना योगदान दिया है। सीसीएल के चार दशक के इतिहास में यह पहली बार है जब एक महिला माइनिंग इंजीनियर ने योगदान दिया है। आकांक्षा ने मंगलवार को नॉर्थ कर्णपुरा क्षेत्र के चूरी भूमिगत खदान में ड्यूटी ज्वाइन की है। आकांक्षा की इस उपलब्धि पर केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी ट्वीट कर बधाई दी है। अपने संदेश में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आकांक्षा कुमारी की यह उपलब्धि दूसरी महिलाओं को प्रेरित करेगीं। उन्होंने कहा भूमिगत कोयला खदानों में काम करने की अनुमति देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के साथ उनके लिए और अधिक अवसर पैदा करने के कार्य में प्रगतिशील शासन का वास्तविक उदाहरण पेश किया है।

आकांक्षा महारत्न समूह कोल इंडिया लिमिटेड में दूसरी खनन इंजीनियर और भूमिगत कोयला खदान में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नवोदय विद्यालय से पूरी की है। आकांक्षा ने कोयला खनन गतिविधियों को काफी करीब से देखा और बचपन से ही उनमें खनन कार्यों के प्रति रुचि थी। इसलिए उन्होंने धनबाद के बीआईटी सिंदरी में खनन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने अपने इंजीनियरिंग कोर्स में माइनिंग को चुनकर न सिर्फ इस भ्रांति को तोड़ा है कि खनन क्षेत्र सिर्फ पुरुषों के लिए है, बल्कि अपने जैसे और भी महत्‍वाकांक्षी छात्राओं को भी प्रेरित किया है। सीसीएल प्रबंधन ने बताया कि पहले माइनिंग में छात्राओं के लिए कोर्स नहीं होते थे।

उन्होंने 2018 में बीआईटी (सिंदरी) धनबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। कोल इंडिया में अपना योगदान देने से पहले उन्‍होंने तीन वर्ष तक हिन्‍दुस्‍तान जिंक लिमिटेड की राजस्‍थान स्थित बल्‍लारिया खदान में काम किया। उनके पिता अशोक कुमार बड़कागांव के एक स्कूल में शिक्षक हैं और मां कुमारी मालती गृहिणी हैं। इस उपलब्धि का सारा श्रेय आकांक्षा अपने परिवार को देती हैं। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड में शामिल होना उनके बचपन के सपने का पूरा होने जैसा है और इसके लिए अब वह अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हैं।