चतरा के कान्हाचट्टी प्रखंड के मदगड़ा गांव के मो असगर अली (38) का निधन 17 दिन पूर्व सऊदी अरब में काम करने के दौरान हो गया था। उसका शव भारत लाने के लिए उसकी पत्नी माजमा खातून ने प्रधानमंत्री व झारखंड के मुख्यमंत्री से गुहार लगायी थी। इसके बाद 26 नवंबर को ये मामला राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पास आया। श्रम मंत्री ने त्वरित कारवाई करते हुए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देशित किया की जल्द से जल्द मदद भेजी जाये और उन्होंने कहा की इंसान किसी भी प्रकार रहे परंतु मृत्यु के बाद उसे अपनी जमीन नसीब होनी चाहिए।
असगर सऊदी अरब में दवा कंपनी में सुपरवाइजर का काम करते थे। ये 2018 में ही काम की तलाश में सऊदी गए थे। विगत 23 नवंबर को अचानक उसकी तबीयत खराब हो गयी। कंपनी के लोगों ने उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने हार्ट ब्लॉक होने की बात कही, जिससे उसकी मौत हो गयी। असगर के परिजन शव आने का 17 दिन से इंतजार कर रहे थे। असगर की पत्नी माजमा के रोते-रोते आंख के आंसू सूख गये थे। दिन-रात अपने पति के शव के आने का इंतजार कर रही थी। मां के साथ बच्चे भी इंतजार में बैठे थे।
इस दौरान श्रम मंत्री के निर्देश पर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष के अथक प्रयास के बाद आज जब शव गांव आया तो सभी की आंखें छलक पड़ीं। अरब देशों के कानून के कारण काफी मशक्कत करने पर शव पहले कारगो विमान से कोलकाता पहुंचा फिर एम्बुलेंस के जरिये चतरा लाया गया। श्रम मंत्री ने पीड़ित परिवार को राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ने के भी निर्देश दिए हैं साथ ही कहा है की वे अपनी ओर से सहायता राशि भी परिवार को मुहैया कराएंगें।