देश के विभिन्न इलाकों राजस्थान, एमपी, यूपी सहित कई राज्यों में अपना प्रकोप बरसा लंपी वायरस अब झारखंड पहुंच चुका है। जिसके बाद प्रदेश के दो जिलों रांची और देवघर में इसके संदिग्ध मामले मिले हैं। जिसमें रांची के नगड़ी और देवघर के पालाजोरी में इस वायरस से संक्रमित संदिग्ध गाय और बछड़ा मिले हैं। वहीं पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा के अनुसार रविवार को इस मामले को संज्ञान में ले लिया गया हैं। जिसके बाद सोमवार को सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भोपाल भेजा दिया गया है। हालांकि इससे बचाव के लिए एडवायजरी भी जारी कर दी गई है।
मंत्री ने जताई चिंता..
दरअसल प्रदेश में लंपी वायरस के मामले को लेकर कृषि मंत्री बादल ने कहा है लंपी वायरस की रोकथाम को लेकर हर संभव कार्य किए जाए। साथ ही पशुपालन निदेशक ने डीएचओ को कहा है कि संदिग्ध मवेशी मिलने पर एहतियाती बरती जाए। वहीं प्रदेश से बाहर पशुओं की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गयी है।
आखिर क्या है लंपी वायरस..
बता दें कि पशु स्वास्थ्य संस्थान, कांके के निदेशक डॉ विपिन महथा का कहना है कि एलएसडी एक गांठदार त्वचा रोग है। जो कि आम तौर पर गाय, भैंस को होती है। यह बीमारी मच्छर या खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए मवेशियों में फैलती है।
इस बीमारी के है यह लक्षण..
वहीं डॉ महथा ने बताया कि इस बीमारी के लक्षण बेहद आम बीमारियों जैसे ही है। इसमें संक्रमित होने के दो-तीन दिनों के अंदर मवेशी को हल्का बुखार आता है। जिसके बाद शरीर पर गांठदार दाने भी निकल आते हैं। साथ ही कुछ गांठ तो घाव में भी तब्दील हो जाते हैं। वहीं मवेशी की नाक बहने लगती है और मुंह से लार और दूध कम हो जाता है। इसके अलावा जो मवेशी गर्भावस्था में है उनका मिसकैरेज भी हो सकता है।