आतंकी सोच रखने वाले नौशाद की गिरफ्तारी, 53 सोशल मीडिया अकाउंट की जांच जारी

बोकारो: पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर जश्न मनाने और पाकिस्तान व आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को डिजिटल मंच पर बधाई देने वाले नौशाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गुरुवार को एसआईटी प्रमुख इंस्पेक्टर नवीन सिंह के नेतृत्व में मकदुमपुर के मिल्लतनगर स्थित नौशाद के घर पर घंटों तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें कई अहम डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए।

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झारखंड एटीएस, टेक्निकल सेल, आईबी और स्पेशल ब्रांच की संयुक्त टीम इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि नौशाद के सोशल मीडिया अकाउंट्स से देशविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले संदेश प्रसारित किए गए थे। पुलिस ने नौशाद से जुड़े 53 संदिग्ध सोशल मीडिया खातों की पहचान की है, जिनकी गहन जांच की जा रही है।

आईबी की तीन सदस्यीय टीम ने बालीडीह थाना पहुंचकर मामले से जुड़ी जानकारी जुटाई और स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर जांच को आगे बढ़ाया। टीम का नेतृत्व डीएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अगर नौशाद के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो केंद्रीय एजेंसियों द्वारा और सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोकारो जिले के इंटरस्टेट बॉर्डर, रेलवे स्टेशन, हाईवे और प्रमुख औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है और खुफिया एजेंसियों के साथ लगातार सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है।

एसआईटी की टीम अब उत्तर प्रदेश के सहारनपुर भी जाएगी, जहां नौशाद के पुराने संपर्कों और गतिविधियों की जांच की जाएगी। नौशाद ने अपनी प्रारंभिक धार्मिक शिक्षा बोकारो की मखदुमपुर मस्जिद से प्राप्त की थी, और बाद में झारखंड के विभिन्न मदरसों में तालीम हासिल की थी।

इस मामले से झारखंड में आतंकी नेटवर्क के संभावित स्लीपर सेल के सक्रिय होने की आशंका और गहरी हो गई है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां ऐसे लोगों की पहचान करने में जुट गई हैं, जो समाज में रहते हुए आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं।

बोकारो एसपी मनोज स्वर्गियारी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिले की टेक्निकल सेल को सोशल मीडिया पर नजर बनाए रखने और देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त तत्वों की पहचान करने का निर्देश दिया है।

जांच के आगे बढ़ने पर यह स्पष्ट होगा कि क्या नौशाद अकेला था या किसी संगठित नेटवर्क का हिस्सा था। फिलहाल पुलिस और एजेंसियों के लिए यह मामला एक बड़ी चुनौती बन चुका है।

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