मोदी विरोधी मोर्चा बनाने में जुटे KCR की झारखंड में एंट्री, क्या नेतृत्व स्वीकार करेंगे हेमंत..

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ( KCR) ने इन दिनों भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध का झंडा थाम रखा है। वे देश में मोदी विरोधियों का सबसे बड़ा चेहरा बनना चाहते हैं। उनकी राष्ट्रीय राजनीति की महत्वाकांक्षा हिलोरे मार रही हैं। वह लगातार मोदी विरोधी गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं और गैर भाजपा-गैर कांग्रेस एक मोर्चा का हवाई किला बना रहे हैं। इसी सिलसिले में केसीआर ( K Chandrashekhar Rao) आज झारखंड की राजधानी रांची में हैं। वे झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकर कर राष्ट्रीय राजनीति और विपक्षी मोर्चा पर विचार-विमर्श करेंगे। इस दाैरान वे बिहार रेजीमेंट के शहीद जवान कुंदन ओझा की पत्नी नम्रता ओझा को दस लाख रुपये का सहयोग प्रदान करेंगे।

उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद अब हेमंत के पास..
तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री केसीआर कुछ दिनों पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रहे हैं। राज्यसभा में जब भी विधेयकों को पास कराने की जरूरत पड़ती तो टीआरएस साथ देती। लेकिन इन दिनों केसीआर मोदी और भाजपा विरोध का झंडा उठा लिया है। इसका कारण यह है कि तेलंगाना में टीआरएस को भाजपा से जबरदस्त चुनाैती मिल रही है। अब वहां टीआरएस का मुकाबला कांग्रेस के बजाय भाजपा से है। ऐसे में वे मोदी विरोधियों में सबसे आगे दिखना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन जैसे मोदी विरोधी मुख्यमंत्रियों से मुलाकात और बात कर रहे हैं। 20 फरवरी को मुंबई में जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। एक दिन पहले यानी 3 मार्च को राव ने दिल्ली में मोदी का लगातार विरोध कर रहे सुब्रमण्यिम स्वामी और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट से मुलाकात की। दिल्ली के बाद उन्होंने झारखंड का रूख किया है।

बलिदानी कुंदन ओझा की पत्नी को केसीआर देंगे दस लाख..
16 जून 2020 को लद्दाख के गलवन घाटी में चीनी सेना से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त करनेवाले साहिबगंज जिले के सदर प्रखंड के डिहारी गांव निवासी कुंदन कुमार ओझा की पत्नी नम्रता ओझा को तेलंगाना सरकार दस लाख रुपये की सहायता देगी। यह राशि शुक्रवार को रांची में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव नम्रता ओझा को सौपेंगे। नम्रता ओझा गुरुवार की रात अपने स्वजनों के साथ रांची रवाना हो गई। कुंदन ओझा टीम के नेतृत्वकर्ता कर्नल संतोष बाबू के अंगरक्षक थे। इस वजह से नम्रता ओझा को यह राशि दी जा रही है। कुंदन ओझा को मरनोपरांत सेना मेडल मिल चुका है। 15 जनवरी 2022 को नई दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में नम्रता ओझा को थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने यह मेडल सौंपा था। कुंदन ओझा का नाम वार मेमोरियल में भी अंकित किया गया था। कुंदन ओझा बिहार रेजिमेंट के जवान थे।

इस तरह जोड़ रहे झारखंड और तेलंगाना का कनेक्शन..
टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना और झारखंड का कनेक्शन जोड़ने के लिए बिहार रेजीमेंट के शहीद जवान कुंदन ओझा का चयन किया है। गलवान घाटी में चीन के साथ झड़प में बिहार रेजीमेंट के शहीद कर्नल संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट के रहनेवाले थे। संतोष बाबू के साथ झारखंड के साहिबगंज के रहने वाला बिहार रेजीमेंट के जवान कुंदन ओझा अंगरक्षक के ताैर पर साथ थे। दोनों की एक साथ शहादत को दोनों राज्यों के बीच भावनात्मक रिश्ते में बदलने की केसीआर की कोशिश है। इस भावनात्मक रिश्ते को लेकर केसीआर खुद को झारखंड की राजनीति में चर्चा में आ गए हैं।

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