राज्य सरकार द्वारा एसएलपी दायर को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज..

Jhupdate: झारखंड में चल रहे है होमगार्ड जवानों के विरोध पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में होमगार्ड जवानों को ‘समान कार्य का समान वेतन’ का लाभ देने के खिलाफ एसएलपी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके महेश्वरी व जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने शुक्रवार को केस की सुनवाई होमगार्ड जवानों के पक्ष में सुनाते हुए झारखंड सरकार के एसएलपी को खारिज कर दिया। एसएलपी को खारिज करने की सूचना मिलते ही राज्य के होमगार्ड जवानों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है।

एसएलपी के खिलाफ कैविएट फाइल…
राज्य सरकार द्वारा दायर एसएलपी की सुनवाई के दौरान 12 जनवरी 2023 को झारखंड हाइकोर्ट ने आदेश दिया था कि तीन माह के अंदर होमगार्ड जवानों को पुलिसकर्मियों वेतन के बराबर ‘समान कार्य का समान वेतन’ का लाभ दिया जाये। जिसके लिए हाई कोर्ट से राज्य सरकार ने होमगार्ड जवानों को समान कार्य का समान वेतन का लाभ देने के लिए छह माह का समय मांगा था। इसी बीच लाभ दिए बिना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दिया। हालांकि, होमगार्ड जवानों के पक्ष में एसएलपी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ‘झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन’ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह मुख्य पिटीशनर अजय प्रसाद की ओर से सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा दायर एसएलपी के खिलाफ कैविएट फाइल किया गया था।

समान कार्य के बदले समान कार्य वेतन …
सुप्रीम कोर्ट द्वारा होमगार्ड जवानों के पक्ष में राज्य सरकार का एसएलपी खारिज किये जाने के बाद राज्य भर में होमगार्ड जवानों ने खुशी का इजहार किया। राज्य के तमाम होमगार्ड जवानों को आभार व्यक्त करते हुए झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव राजीव तिवारी और प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में समान कार्य के बदले समान वेतन’ देने का आदेश दिया था। लेकिन राज्य सरकार द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया लेकिन अब हाई कोर्ट द्वारा राज्य सरकार का एसएलपी खारिज किये जाने के बाद झारखंड के होमगार्ड जवानों को भी बिहार व उत्तरप्रदेश की तर्ज पर समान कार्य के बदले समान कार्य वेतन देने का रास्ता साफ हो गया है।