रांची : दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज उनकी समाधि ‘सदैव अटल’ पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस बीच आजसू सुप्रीमो सुदेश ने भी नई दिल्ली स्थित ‘सदैव अटल स्मारक’ में जाकर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही प्रार्थना सभा में शामिल हुए। सुदेश ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सभी के प्रिय थे। उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से चल रहे झारखंड अलग राज्य के मसले पर अटल जी ने ही पुर्ण विराम लगाया था। इसे राज्य की पीढ़ी भुला नहीं सकती है।
पीएम मोदी ने आज ट्वीट कर भी कहा, मैं भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मिलकर विलक्षण प्रतिभा वाले अटल जी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभ हुआ। उन्होंने हमारे देश की प्रगति को बढ़ावा देने और कई क्षेत्रों में इसे 21वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पालक बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य ने भी उनकी पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
2018 में 16 अगस्त को हुआ था निधन
1924 में ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी दशकों तक भाजपा का चेहरा रहे और वह पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। वाजपेयी ने 16 मई 1996 से एक जून 1996 तक और फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री मोराजी देसाई के मंत्रिमंडल में भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया था। 2018 में 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया था।
2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न प्राप्तकर्ता अटल जी को सम्मानित करने के लिए घोषणा की थी कि हर साल 25 दिसंबर को उनके जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।