हज़ारीबाग़ के बहोरनपुर खुदाई स्थल में पुरात्तव विभाग को खुदाई के 23वें दिन भगवान् बुद्ध एवं माँ तारा से जुड़ी 6 भव्य प्रतिमाये मिली। इन मूर्तियों से बहोरनपुर में बौद्ध बिहार होने के कयास लगाए जा रहे है। जहाँ पुरात्तव विभाग अपनी इस नयी खोज से काफ़ी उत्साह है वही इस क्षेत्र के लोगों में भी ख़ुशी की लहर दौड़ रही है.
खुदाई स्थल से मिली मूर्तियों में ज़्यदातर मूर्तियां भूमि स्पर्श मुद्रा में हैं। कमल के आसान पर विराजमान भगवन बुद्ध की प्रतिमा का दाहिना हाथ भूमि स्पर्श और बायाँ हाथ आसन के ऊपर है, और इसके अगल बगल कई छोटे छोटे बौद्ध प्रतिमाएं भी हैं। जहाँ भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं महा निर्माण मुद्रा, ध्यान मुद्रा, धर्म चक्र मुद्रा अवं प्रवर्तन मुद्रा में हैं वहीँ माँ तारा की प्रतिमाएं वरद मुद्रा एवं स्नातक मुद्रा में हैं। माना जा रहा है की ये प्रतिमाएं व्हाइट फाइन सैंड स्टोन की बानी हुई हैं। पुरातत्व विभाग के डॉ वीरेंद्र कुमार का मनना है की इन प्रतिमाओं की संरचना आज से करीब 1100 साल पहले की गयी थी जिससे इनके पाल वंश के समकालीन होने का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इनके अलावा कई अन्य प्रतिमाएं एवं मोटी ईंटें भी मिली हैं जिनकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई क्रमश: 37, 28 और 6 सेंटीमीटर है।
आपको बता दें की बहोरनपुर में पुरात्तव विभाग की खुदाई का काम 1 फरवरी, 2021 से शुरू हुआ है और खुदाई के 23वें दिन पर भगवान बुद्ध एवं माँ तारा की प्रतिमाओं के रूप में पुरातत्व विभाग को बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। इन प्रतिमाओं की सूचना मिलते ही खुदाई स्थल के आस पास लोगों की भीड़ जमा हो गयी, जिनमे क्षेत्र के ग्रामीणों के अलावा शैक्षणिक भ्रमण के लिए आये रांची यूनिवर्सिटी के छात्र एवं इतिहास विभाग के प्रोफ़ेसर व गाइड भी शामिल थे.
बहोरनपुर पुरातत्व संरक्षण समिति की बैठक में इस ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण हेतु चर्चा की गयी और तय हुआ की समिति का प्रतिनिधि मंडल डीसी से मिल कर इस सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपेगा और हज़ारीबाग़ सांसद जयंत सिन्हा एवं सदर विधायक मनीष जैसवाल से भी इस विषय पर चर्चा की जाएगी। वहीं पुरातत्व और अवशेष स्थल में विधायक प्रतिनिधि एवं खुदाई स्थल के सदस्य गुरहेत्त पंचायत के महेश तिग्गा व सखियां पंचायत के मुखिया अरुण यादव के साथ मिल कर निरिक्षण करेंगे।