झारखंड सरकार ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से मृत लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) के अनुसार मृतकों के आश्रितों को सरकार एक लाख रुपये की श्रमिक मुआवजा दे रही है। मंगलवार को राज्य के श्रम आयुक्त ए मुथुकुमार ने इस बात की जानकारी दी। राज्य श्रम आयुक्त ए मुथुकुमार ने बताया कि मृतकों के परिवारों को झारखंड अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर सर्वेक्षण और पुनर्वास योजना के तहत एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार चौदह परिवारों को मुआवजा दे रही हैं। वहीं ,श्रम विभाग ने संबंधित जिलों के श्रम अधीक्षकों को मुआवजा राशि हस्तांतरित कर दी है| साथ ही , यह राशि दो से तीन दिनों में पीड़ित परिवारों को दे दी जाएगी।
आपको बता दें कि मुआवजा योजना में घायल और मृत श्रमिकों के लिए एक निश्चित राशि विभिन्न प्रावधानों के तहत देय है। वहीं ,श्रम आयुक्त ने आगे कहा कि यदि हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों का पंजीकरण किया गया था, तो उनके परिवारों को डेढ़ लाख रुपये मुआवजा के तौर पर मिलेंगे। लेकिन जिन श्रमिकों का पंजीकरण नहीं कराया गया था, उन्हें इस योजना के अनुसार एक लाख रुपये मिलेंगे। दरअसल, झारखंड के चौदह निवासी उत्तराखंड के चमोली हादसे में ग्लेशियर के फटने से लापता हो गए। वहीं , कुछ दिनों पहले चार शवों की पहचान की गई लेकिन दस अब भी लापता हैं। इस सन्दर्भ में उत्तराखंड प्रशासन ने लापता व्यक्तियों की घोषणा अब मृत के रूप में की है।जानकारी के अनुसार बरामद शवों में तीन मजदूर लोहरदगा और एक बोकारो जिले का है।
राज्य सरकार के अनुसार शनिवार को दो और शव मिले हैं। साथ ही, मानव शरीर के तीस अलग-अलग हिस्से भी मलबे से बरामद किए गए हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन-रेनी क्षेत्र में एक ग्लेशियर के फटने से धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों में भीषण बाढ़ आ गई। जिससे आस-पास के घरों और ऋषिगंगा परियोजना को काफी नुकसान पहुंचा। जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान चली गई।