प्रदेश कांग्रेस पिछले एक महीने से मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को खिलाफ राज्य में आंदोलनरत है। कांग्रेस लगातार इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़ी है। इसी के तहत एक बार फिर कांग्रेस फरवरी में तीन बड़े आंदोलन करने जा रही है।
आंदोलन की तैयारियों को लेकर गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने की।
बैठक में ये फैसला लिया गया कि आगामी 10 फरवरी को झारखंड के सभी प्रखंडों में किसानों के समर्थन में अधिवेशन किए जाएंगे। वहीं 13 फरवरी को किसान आंदोलन के समर्थन में झारखंड के सभी जिला मुख्यालयों में 10 से 20 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जाएगी।
वहीं 20 फरवरी को राज्यव्यापी ट्रैक्टर रैली सह किसान सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसमें झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह को भी आमंत्रित किया जाएगा। किसानों के समर्थन में किए जा रहे सभी आंदोलनों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को संयोजक बनाया गया है।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि मुट्ठी भर पूंजीपतियों के फायदे के लिए मोदी सरकार के नापाक इरादे ने किसानों को बेच दिया। इसकी वजह से किसानों को देश की राजधानी और सीमाओं पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस पार्टी इन काले कानूनों के लागू और पारित होने के बाद से ही अन्नदाताओं के लिए लड़ने में सबसे आगे रही है।
वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि तानाशाह सरकार तक किसानों की आवाज पहुंचाने के लिए काम किया जाएगा। जिस प्रकार केंद्र सरकार लगातार किसानों के साथ अत्याचार कर रही है, ऐसे में देश भर के आंदोलन कर रहे किसानों को ताकत दी जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि 10 फरवरी,13 फरवरी और 20 फरवरी को निर्धारित आंदोलन को पूरी तरह से सफल बनाया जाएगा।