झारखंड में सीएम चंपाई सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही मंत्री बनने से चूक जाने वाले जेएमएम-कांग्रेस विधायकों की नाराजगी सतह पर आ गई है। कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों की नाराज चल रहे हैं। इन विधायकों की ओर से पहले ही यह चेतावनी दी गई है कि यदि कांग्रेस कोटे के चार मंत्रियों को बदला नहीं गया, तो वे बजट सत्र के दौरान झारखंड से बाहर चले जाएंगे। नाराज 12 कांग्रेसी विधायकों में से आठ ने शनिवार शाम को बिरसा चौक स्थित रासो होटल में साढ़े तीन घंटे तक बैठक की। हेमंत सोरेन के भाई और चंपई सरकार के मंत्री बसंत सोरेन इन विधायकों से मिलने पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। हालांकि बसंत सोरेन ने कहा- परिवार में कुछ शंका थी, उसे दूर करने का प्रयास किया गया है। बता दें कि चंपई सरकार में कांग्रेस के 4 विधायक मंत्री हैं।
वहीं इसके बाद इन विधायकों ने देर शाम को दिल्ली का रुख किया। पहले कहा जा रहा था कि ये विधायक बैंगलुरु या जयपुर रवाना हो सकते हैं, लेकिन तय हुआ कि विधायक दिल्ली जाएंगे और आलाकमान के समक्ष अपनी बातें रखेंगे। उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इधर विधायकों के रुख को देखते हुए पूरी तरह हड़कंप मचा हुआ है। शनिवार को उन्हें मनाने के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रांची आगमन की योजना थी, लेकिन उनका दौरा अंतिम समय में टल गया। अब रविवार को इस मुद्दे पर दिल्ली में नए सिरे से बातचीत का सिलसिला आरंभ होगा। नाराज विधायकों का कहना है कि वे झुकने वाले नहीं हैं। उनकी मांग पर फैसला करना पड़ेगा। नई दिल्ली में कांग्रेस के नाराज विधायकों से बातचीत का जिम्मा वरीय नेता उमंग सिंघार को दिया गया है। उमंग सिंघार प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी रह चुके हैं।
कौन दिल्ली गए और कौन नहीं गए?
नाराज कांग्रेस विधायकों में राजेश कच्छप, जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, डॉ. इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, भूषण बारा, नमन, रामचंद्र सिंह, अंबा प्रसाद, दीपिका सिंह पांडेय, शिल्पी नेहा तिर्की ये 8 विधायक बैठक में शामिल थे और ये दिल्ली गए हैं। वहीं नमन विक्सल कोंगाड़ी, पूर्णिमा नीरज सिंह, रामचंद्र सिंह बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि, ये बाद में दिल्ली पहुंचेंगे।