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नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए पाँच जिलों में शुरु की गयी”स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट”..

झारखंड सरकार राज्य में स्वास्थ्य सुविधा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसी दिशा में राज्य में स्वास्थ्य सुविधा को बढ़ावा देते हुए सरकारी अस्पतालों में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट शुरू करने की योजना में है। वर्तमान में पांच जिला अस्पतालों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जिसमें चाईबासा, गुमला, जमशेदपुर, रामगढ़ और सरायकेला शामिल है। यहाँ के सरकारी अस्पतालों में इस एसएनसीयू की स्थापना की गई है। इस यूनिट की स्थापना से राज्य में बाल मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिलेगी। ये यूनिट नवजातों की देख-रेख के लिए सभी आवश्यक संसाधनों से लेस है। इन इकाइयों में नवजात शिशुओं को उनके जन्म से 29 दिन तक देखभाल के लिए रखा जाएगा।

झारखण्ड में उचित इलाज के अभाव में नवजात शिशुओं की मौत चिंता का विषय था। नवजातों की सुरक्षा को राज्य सरकार ने चुनौती के रूप में लिया। फलस्वरूप सरकारी अस्पतालों में संचालित एसएनसीयू नवजातों की मौतों को कम करने में मददगार साबित हो रही है। ये उन अभिभावकों के लिए वरदान साबित हो रही है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और इलाज के लिए पूरी तरह से सरकारी स्वास्थ्य सुविधा पर ही निर्भर हैं।

इन एसएनसीयू में नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए विशेष चिकित्सा अधिकारी के अतिरिक्त बाल रोग विशेषज्ञ, प्रशिक्षित नर्स और एक काउंसलर को भी नियुक्त किया गया है। जो कि नवजातों की देख-रेख में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।

राज्य सरकार का मानना है कि झारखंड में नियमित जांच की कमी के कारण नवजात शिशु के वजन में कमी, हांफना, पीलिया, हाइपोथर्मिया, कोल्ड शॉक, कोमा, दस्त, रक्तस्राव व अन्य लक्षणों का त्वरित उपचार नहीं हो पाता है। इन लक्षणों के त्वरित उपचार के लिए सरकार ने सभी जिलों में एसएनसीयू स्थापित करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा जल्द ही राज्य के सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में इस यूनिट की स्थापना करने का लक्ष्य है।