अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भारतीय छात्र शरद विवेक सागर को हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन का छात्र संघ अध्यक्ष चुना गया है। 50 देशों के 1,200 से अधिक छात्रों ने शरद को चुना है। चुनाव में 9 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे थे। अध्यक्ष चुने जाने पर शरद ने कहा की 50+ देशों से 1200+ छात्र, 9 असाधारण उम्मीदवार, 1 चुनाव, आज मैं हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में छात्र संघ के अगले अध्यक्ष चुने जाने पर बहुत ही आभारी हूं। मुझे पता है कि मैं हार्वर्ड से बहुत दूर पैदा हुआ था और मैं एक असंभव उम्मीदवार था, लेकिन हार्वर्ड के छात्रों द्वारा यह जिम्मेदारी दिए जाने पर आभारी हूं। अध्यक्ष के रूप में मैं हार्वर्ड में एक ऐसे नेतृत्व की नींव रखना चाहता हूं जो छात्रों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला पाए।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने मंगलवार को चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा की। छात्रों के लिए मतदान की अवधि 14 सितंबर को शुरू हुई और 19 सितंबर को समाप्त हुई। अध्यक्ष के रूप में शरद छात्र संघ का नेतृत्व करेंगे, जिसमें एक उपाध्यक्ष, एक प्रशासक और अन्य निर्वाचित सिनेटर शामिल होंगे। शरद को हार्वर्ड में उच्चतम स्कॉलरशिप प्राप्त है और वह प्रतिष्ठित के.सी. महिंद्रा स्कॉलर भी पाते हैं।
शरद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित उद्यमी और युवा आइकॉन हैं। शरद विवेक सागर का जन्म असाधारण प्रतिभा के धनी डॉ राजेंद्र बाबू के गांव सीवान के जीरादेई में हुआ। लेकिन, 12 साल की उम्र से पले-बढ़े पटना में ही। 16 साल की आयु में सागर ने राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की। 24 वर्ष की आयु में उन्हें फोर्ब्स ने 30 साल तक की आयु के 30 सबसे प्रभावशाली उद्यमियों की सूची में शामिल किया।
2016 में सागर राष्ट्रीय और वैश्विक समाचारों में थे जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें एकमात्र भारतीय के रूप में व्हाइट हाउस में होने वाली एक विशेष सभा के लिए आमंत्रित किया। उसी साल नोबेल शांति केंद्र ने सागर को नॉर्वे में होने वाले नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। सागर, अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट किए जाने वाले प्रसिद्ध टेलीविजन शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के विशेषज्ञ भी हैं।
शरद सागर का संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल 65 लाख किशोरों व युवाओं को शैक्षणिक अवसरों से जोड़ता है, उन्हें प्रशिक्षित करता है। संगठन के बच्चों ने दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों से 72 करोड़ से भी अधिक की छात्रवृत्ति प्राप्त की है।