राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सर्वर डाउन हो जाने से सैंकड़ों मरीज परेशान रहे। सर्वर डाउन होने के कारण ओपीडी में आने वाले मरीजों को ऑनलाइन पर्ची नहीं कट पा रही थी। इसके अलावा जांच के लिए भी काटी जाने वाली पर्ची भी नहीं कट पा रही थी, जिससे पूरी तरह जांच प्रभावित रही। मरीज घंटों लाइन में लगे रहे। सर्वर नहीं होने की सूचना जब प्रबंधन को मिली तो उन्होंने हाथ से लिखी हुई पर्ची मरीजों को देने का निर्देश दिया, जिसके बाद ओपीडी में मरीज दिखा पाए। इस दौरान कई मरीज निराश होकर वापस भी लौट गए थे। करीब 300 के आसपास मरीजों को वापस लौटना पड़ गया। वहीं, पहली पाली में जांच तो पूरी तरह से प्रभावित रही। जांच कराने के लिए मरीजों को पांच घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा।
रिम्स में करीब पांच घंटे बाद दोपहर के बारह बजे सर्वर मिला। इस वक्त तक पहली पाली के लिए पर्ची काटी जाती है। बता दें कि वर्तमान की व्यवस्था के अनुसार सिर्फ पहली पाली में ही ओपीडी में मरीजों को देखा जा रहा है। कोरोना के कारण दूसरी पाली में ओपीडी का संचालन नहीं हो रहा है। इस वजह से करीब 300 के करीब मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। वहीं, रिम्स में रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी को मिलाकर हजार से अधिक तरह की जांच होती है, जो पूरी तरह से प्रभावित रही। आदेश के बाद भी जांच के लिए बीलिंग नहीं हो पाई, क्योंकि कौन-सी जांच कितने में की जानी है, इसकी सही रशीद नहीं मिल पाती। वहीं, पैसे को लेकर कर्मचारी रिस्क नहीं लेना चाह रहे थे।
27 नवंबर को डेढ़ घंटे ठप रहा था सर्वर..
2 दिन पहले 27 जनवरी को भी रिम्स का सर्वर ठप रहा था। इसके कारण लगभग डेढ़ घंटे तक रजिस्ट्रेशन बाधित रहा। सर्वर आने के बाद रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हुई। PRO डीके सिन्हा ने बताया कि ये तकनीकी खामी है इसे सही करा लिया गया है। OPD और इमरजेंसी में मरीजों का इलाज जारी है।