Ranchi : हाल के वर्षों में लव जिहाद के सबसे चर्चित मामले में पूर्व नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना के मामले में आज रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दोषी रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वहीं रकीबुल की मां कौसर रानी को दस साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा साजिश रचने के आरोपी झारखंड हाईकोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार मुस्ताक अहमद को 15 साल कैद की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा इन दोनों दोषियों को 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गयी है.
रकीबुल को उम्रकैद की सजा होने के बाद तारा शाहदेव ने कहा, “मैं कोर्ट और सीबीआई को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया. ये न्याय सिर्फ मेरे लिए नहीं है, देश की हर बेटी को ये भरोसा मिलेगा कि जो भी उनके साथ ऐसा करेगा, उसे सजा मिलेगी, जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें डर होगा कि कहीं किसी के साथ ऐसा व्यवहार न हो. जब मेरी लड़ाई शुरू हुई तो इसे घरेलू हिंसा का नाम दे दिया गया. लेकिन, मेरी कोशिश थी कि किसी भी लड़की के साथ ऐसा न हो. लोग ये शब्द बोलने से झिझकते थे. इस फैसले के बाद वे इसके खिलाफ खुलकर सामने आएंगे.
सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि सीबीआई की ओर से 26 गवाहों का बयान कलमबद्ध कराया गया. आरोप है कि विवाह के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल द्वारा मारपीट की जाने लगी थी और धर्म बदलने का दबाव डाला जा रहा था. बता दें, झारखंड में साल 2014 से यह मामला सुर्खियों में बना हुआ था. पहले झारखंड पुलिस ने इस मामले में जांच की थी. बाद में हाई कोर्ट के आदेश के बाद 2015 में इस मामले को सीबीआई ने टेक ओवर कर लिया था. 2017 में तीनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. सीबीआई की विशेष अदालत में तारा शाहदेव के मामले में तीनों आरोपी को 30 सितंबर को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. इस कैस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भी गवाही हुई थी.
शूटर तारा शाहदेव ने क्या आरोप लगाया था?
बता दें कि नेशनल शूटर तारा शाहदेव ने रंजीत सिंह कोहली पर धोखा देकर शादी करने का आरोप लगाया था. दोनों की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी. शादी के बाद उसे पता चला कि रंजीत सिंह कोहली पहले ही अपना धर्म बदलकर इस्लाम धर्म कबूल कर चुका था और उसने अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया था. तारा शाहदेव से शादी के बाद रंजीत उर्फ रकीबुल उस पर इस्लाम कबूलने का दबाव बनाने लगा. तारा शाहदेव ने पुलिस में दर्ज कराए गए मामले में बताया था कि ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई की जाती थी और कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया था.
सिंदूर लगाने से भी किया था मना..
शाहदेव के मुताबिक, कई-कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था. रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे और उससे कहते थे कि अगर वह चाहती है कि उसकी शादीशुदा जिंदगी सामान्य रहे तो वह इस्लाम कबूल कर ले. उसे सख्त चेतावनी दी गई थी कि वह सिंदूर न लगाए, अन्यथा उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे. तारा ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों की ओर से दहेज की भी मांग की गई. करीब डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद 17 अगस्त 2014 को अपने भाई को एक घरेलू नौकर के मोबाइल फोन से कॉल किया और उसे पुलिस के साथ अपने ससुराल आने के लिए कहा. इसके बाद तारा को मुक्त कराया गया था.