रांची के मोरहाबादी मैदान में गुरुवार को हुई फायरिंग के बाद 300 लोगों का रोजगार छीन लिया गया है। घटना के बाद CM हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को एक हाईलेवल बैठक बुलाई। इसके बाद रांची जिला प्रशासन की तरफ से इस पूरे इलाके को नो वेंडिंग जोन घोषित कर दिया। ठेला-खोमचा वालों को 24 घंटे के भीतर अपना सामान समेटने का आदेश दिया है। मोरहाबादी मैदान के आसपास अब किसी प्रकार की कोई दुकानें नहीं लगेंगी। न ठेले-खोमचे लगेंगे। न यहां कुल्हड़ वाली चाय बिकेंगी। न ही हर सब्जियां मिलेंगी। पूरे मोरहाबादी मैदान में धारा-144 लगा दिया गया है। यहां धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली पर भी रोक लगा दी गई है।
प्रशासन की तरफ से फिलहाल इन दुकानदारों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। रांची नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि जब तक मरोहबादी व आसपास के इलाकों में बन रहे वेंडिंग जोन तैयार नहीं हो जाते हैं तब तक उनके लिए फिलहाल कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। नगर आयुक्त ने बताया कि इसके कार्य में तेजी लाया जाएगा। नगर आयुक्त ने शनिवार को इसके लिए इंजीनियरों को तलब किया है।
जहानाबाद व रांची समेत कई जगहों पर छापेमारी, दस से हो रही पूछताछ..
घटना को लेकर लालपुर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है़। प्राथमिकी शुभम विश्वकर्मा ने पांच लोगों के खिलाफ दर्ज करायी है। इसमें अपराधी लवकुश शर्मा, सोनू शर्मा, राजू चोटी, बिट्टू खान व अजय सिंह के नाम शामिल है। पुलिस ने राजू लामा के पास से पिस्टल बरामद की थी। इसके साथ ही पुलिस ने शुक्रवार को रांची और जहानाबाद में छापेमारी की। रांची पुलिस ने फिलहाल विपिन सहित दस और संदिग्धों को विभिन्न स्थानों से हिरासत में लिया है। घटना के बाद जिन पांच लोगों की तस्वीर सामने आयी थी, पुलिस उनकी भी पहचान कर गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है। एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में पुलिस शुक्रवार को दूसरे दिन भी जांच में जुटी रही. पुिलस मामले से जुड़े हर बिंदु की गहराई से छानबीन कर रही है। इसके लिए पांच अलग-अलग टीम गठित की गयी है। मुख्य आरोपी में से एक राजू चोटी को घटना के दिन गुरुवार की रात में ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।