झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को (एसडीपीओ) के कार्यालय में पर्यवेक्षिका (सुपरवाइजर) उर्मिला कुमारी को 7 हजार पांच सौ रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा है। आपको बता दें की पर्यवेक्षिका उर्मिला कुमारी ने पोषाहार वाउचर पास करने के लिए आंगनबाड़ी सेविका से 15 प्रतिशत के कमीशन की मांग की थी जिसकी वजह से आंगनवाड़ी सेविका तंग आकर इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कर दी। जिसके बाद एसीबी ने पर्यवेक्षिका उर्मिला को रंगे हाथ पकड़ने के लिए अपनी टीम के साथ मिलकर प्लान बनाया और उर्मिला देवी को घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें की इटखोरी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) कार्यालय से उर्मिला की गिरफ्तारी हुई है जिसके बाद उन्हें हजारीबाग लाया गया है जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
15 प्रतिशत कमीशन में पकड़ी गई पर्यवेक्षिका
कमीशन का ये मामला पत्थलगड़ा मरंगा गांव का है। जहां आगनवाड़ी सेविका मीना बाला ने फरवरी-मार्च का पोषाहार वाउचर को इटखोरी एसडीपीओ कार्यालय में जमा करने आयी तो पर्यवेक्षिका उर्मिला कुमारी ने उनसे पहले के पांच महीने के पोषाहार के बिल का भुगतान के 15% कमीशन की मांग की और कहा पहले कमीशन जमा करो उसके बाद ही फरवरी-मार्च का पोषाहार वाउचर पास होगा। जिसके बाद मीना बाला ने कमीशन के लिए मना कर दी और अगले दो दिन लगातार दफ्तर आकार उन्होंने पर्यवेक्षिका को कई बार समझाने की कोशिश करती रहीं की वे पैसे कहां से देगी। उसने वही बिल जमा किया है जो खर्च हुए हैं। समझाने के बाद भी जब पर्यवेक्षिका नहीं मानी तो मीना ने हजारीबाग के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कार्यालय में शिकायत कर दी।
प्लानिंग के साथ रंगे हाथ पकड़ी गई पर्यवेक्षिका
मीना बाला के शिकायत के बाद एसीबी इंस्पेक्टर नुनू देव राय ने मामले की जांच करते हुए एक ट्रैप टीम का गठन किया गया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम सुबह इटखोरी बाल विकास परियोजना कार्यालय पहुंची जहां सेविका मीना 7500 रुपये पर्यवेक्षिका को दे रही थी और उसी दौरान ऐशीबी की टीम ने पर्यवेक्षिका उर्मिला को गिरफ्तार कर लिया ।