रांची : कोरोना की दूसरी लहर में आयुष्मान का लाभ लेने में रांची का सदर अस्पताल अव्वल रहा है। इलाजरत 700 से ज्यादा मरीजों में 208 आयुष्मान के लाभुक थे। जिन्हें योजना का लाभ दिया गया। अस्पताल प्रबंधन को करीब 45 लाख का दावा मिला है। करीब 33 लाख का भुगतान प्रबंधन को प्राप्त हो चुका है। आयुष्मान के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष रंजन ने बताया कि मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत जोड़कर अच्छी राशि का दावा प्राप्त किया गया। इधर रिम्स में 117 संक्रमित पंजीकृत हुए थे लेकिन सिर्फ दो लाख को दावा मिला। वहीं निजी अस्पतालों में 20 से भी कम मरीजों का आयुष्मान से जोड़ा गया।
आयुष्मान के जिला कार्यक्रम समन्वयक रंजन ने बताया कि तीसरी लहर को लेकर सरकार ने विशेष रूप से अस्पताल वालों को तैयार करने का निर्देश दिया है। पीडियाट्रिक वार्ड, आईसीयू, एनआईसीयू और पीआईसीयू आदि के लिए आधारिक संरचना को मजबूत किया जा रहा है। सुविधाओं को बढ़ाने के लिए एनएचएम के साथ-साथ आयुष्मान फंड को इस्तेमाल में लाया जा रहा है। 70 हजार से 1.2 लाख तक का दावा लिया गया है। योजना में कोविड के इलाज के तहत प्रतिदिन के लिए नॉर्मल ऑक्सीजन सपोर्टेड और आईसीयू को लेकर कैटेगरी तैयार की गई थी।
आशीष रंजन के अनुसार संक्रमितों की भर्ती होने के बाद उन्हें आयुष्मान से जुड़ना मुश्किल था क्योंकि पता नहीं था कि कौन योजना का लाभुक है और कौन नहीं है। ऐसे में आयुष्मान मित्र खुद पीपीई किट पहन कर वार्डो में मरीजों के बीच पहुंचकर जानकारी जुटाते थे।
बता दें कि आयुष्मान के तहत 1419 संक्रमित मरीजों का इलाज हुआ। सदर अस्पताल के 208 मरीजों के इलाज से 45 लाख को दावा मिला। रिम्स में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों का इलाज हुआ, पर 117 संक्रमित ही इनरोल हुए। राजधानी के निजी अस्पतालों में 20 से भी कम संक्रमित का इलाज आयुष्मान योजना के तहत हुआ। सदर में मरीजों के इलाज से 75 हजार से 1.2 लाख को दावा मिला है। अब तक 45 लाख में 33 लाख सदर अस्पताल को मिल चुका है। दावा के 12 लाख रुपए भुगतान की प्रक्रिया जारी है और जल्द मिलने की उम्मीद है।