जमशेदपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल के बांसपानी स्टेशन पर मंगलवार को ग्रामीणों के हमले में घायल आरपीएफ जवान शमशेर कुमार सिंह की टाटा मुख्य अस्पताल(टीएमएच) में रविवार सुबह 5.10 बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। वह चार दिनों से वेंटीलेटर पर थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा है। इसके बाद 11.30 बजे टाटानगर आरपीएफ बैरक में जवान को सलामी सलामी देने के बाद परिजन शव को लेकर पैतृक गांव बिहार के मुंगेर के लिए रवाना हो गये। बैरक में वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त औंकार सिंह, सहायक सुरक्षा आयुक्त अमित नायक और केसी दास प्रमुख रूप से मौजूद थे। इस घटना में तीन और आरपीएफकर्मी घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। बता दें की ओडिशा के बांसपानी स्टेशन पर हुए इस उपद्रव से रेलवे को डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ है।
क्या है मामला??
ओडिशा के बांसपानी स्टेशन के आरपीएफ जवानों ने कोयला चोरी के आरोप में स्थानीय निवासी को लक्ष्मण पात्र को पकड़ा था। ग्रामीणों का आरोप है कि पूछताछ के दौरान उसकी पिटाई की गई जिसके बाद लक्ष्मण की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद लगभग 200 स्थानीय निवासियों ने स्टेशन पर हमला कर दिया। बांसपानी स्टेशन के सभी सिग्नल, इलेक्ट्रिकल विभाग में तोड़फोड़ की गई। जिससे रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ। वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने आरपीएफ के जवानों के साथ साथ रेलवे के कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा। धारदार हथियारों से उन पर हमला किया। कुल्हाड़ी कुदाल, सब्बल, हसिया सहित कई धारदार हथियार से ग्रामीणों ने रेलवे कर्मचारियों पर हमला बोला। इस दौरान रेल कर्मचारी जान बचाने के लिए स्टेशन छोड़कर भागे। गुस्साए ग्रामीणों के हाथ में जो आए उनकी जमकर पिटाई की। घायल जवानों के सिर पर गंभीर रूप से चोट लगी थी जिसके बाद उन्हें टाटा में हॉस्पिटल रेफर किया गया था। इस घटना के बाद से ही शमशेर सिंह मूर्छित अवस्था में था और टीएमएच के न्यूरो विभाग में उसका इलाज चल रहा था।
इस घटना के बाद रेल प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हुआ। घटना के बाद रेलवे के आईजी व डीआईजी दीपक कुमार सहित रेलवे के कई वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इस घटना में रेल प्रशासन को काफी नुकसान हुआ जिसके कारण रेलवे ने 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ रेलवे एक्ट और आईपीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया है।