रांची: चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में ट्रायल का सामना कर रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए हैं। आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी सीबीआइ कोर्ट ने दोषी पाया है। RJD सुप्रीमो को कोर्ट की ओर से दोषी करार देते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद उनके वकील के अनुरोध पर उन्हें जेल न भेजकर RIMS में भेजा गया। लालू कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कोर्ट से होटवार जेल गए फिर वहां से रिम्स चले गए। 21 फरवरी तक वह यहीं रहेंगे।
वहीं इस मामले में 24 अभियुक्त बरी कर दिए गए हैं। इनमें राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, श्रीमती चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद शामिल हैं।
बता दें की डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 47ए/96 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत 75 अभियुक्तों को सीबीआइ की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने मामले में ट्रायल फेस रहे 6 महिला समेत 24 अभियुक्तों को साक्षय के अभाव में बरी कर दिया। मामले में कुल 99 अभियुक्त वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रहे थे। अदालत ने दोषी करार अभियुक्तों को जेल भेज दिया है। साथ उनलोगों की सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख निर्धारित की है। गौरतलब है की इससे पहले चारा घोटाले के 4 मामले (देवघर के एक, दुमका ट्रेजरी के दो अलग-अलग और चाईबासा ट्रेजरी से संबंधित दो मामलों में) लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं। अभी पहले के सभी मामलों में जमानत पर बाहर थे। अब पांंचवें एवं अंतिम मामले में भी दोषी पाए गए हैं। इससे पूर्व सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अदालत से अभियुक्तों को कठोर से कठोर सजा देने की बात कही। कहा कि अभियुक्तोंं के खिलाफ पर्याप्त एवं ठोस साक्ष्य मिले हैं। वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि मेरे मुवक्किलों के खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है। साथ ही उम्र को देखते हुए फैसला सुनाने का अनुरोध किया। मामले में सुनवाई के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है। दो अभियुक्तों ने निर्णय पूर्व ही दोष स्वीकार कर लिया है। जबकि कि छह आरोपियों को सीबीआइ दबोच नहीं पाई है। 8 आरोपी को सीबीआइ ने वादामाफ गवाह बनाया था। सीबीआइ ने कुल 170 पर आरोप पत्र दाखिल की थी। जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किया गया था।
अब लालू यादव को 21 फरवरी को सीबीआइ कोर्ट की ओर से आनलाइन सजा सुनाई जाएगी। वहीं अन्य ऐसे अभियुक्तों को भी कोर्ट ने आनलाइन सजा सुनाने की बात कही है। अब देखना यह होगा कि लालू यादव को कितने दिनों की सजा होती है।
जानिए, डोरंडा ट्रेजरी घोटाला आखिर है क्या?
डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है। यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो। यह पूरा मामला 1990-92 के बीच का है। CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं।
इतना ही नहीं, विभाग ने इस दौरान क्रॉस ब्रीड बछिया और भैंस की खरीद पर 84,93,900 रुपए का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के दिवंगत प्रोपराइटर विजय मलिक को की थी। इसके अलावा भेड़ और बकरी की खरीद पर भी 27,48,000 रुपए खर्च किए थे।
विभाग ने स्कूटर और मोपेड का नंबर दिया..
इस घोटाले की खास बात है कि जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशुओं को लाने के लिए रजिस्टर में दर्शाया था वह सभी स्कूटर और मोपेड के थे। CBI ने जांच में पाया है कि लाखों टन पशुचारा, भूसा, पुआल, पीली मकई, बादाम, खली, नमक आदि स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड पर ढोए गए। देश के सभी राज्यों के करीब 150 DTO और RTO से गाड़ी नंबर की जांच कराकर जांच टीम ने सबूत जुटाए हैं।
इसी तरह, हरियाणा से बढ़िया नस्ल के सांड़, बछिया और हाईब्रिड भैंस भी कथित तौर पर स्कूटर से ही झारखंड लाए गए थे, ताकि यहां अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें।
बयान दर्ज कराने में लगे 15 साल..
इस मामले में 575 गवाहों का बयान दर्ज कराने में CBI को 15 साल लग गए। 99 आरोपियों में 53 आरोपी आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि 33 आरोपी पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी हैं। वहीं, 6 आरोपी तत्कालीन कोषागार पदाधिकारी हैं, जबकि मामले के 6 आरोपी ऐसे हैं जिन्हें CBI आज तक नहीं खोज सकी है।
मीसा भारती बोलीं… पिता की तबीयत खराब..
सोमवार को लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती रांची पहुंची थी। राजकीय अतिथिशाला में उन्होंने लालू प्रसाद से मुलाकात कर सिर्फ इतना कहा था कि उनके पिता की तबीयत खराब है।
इन बीमारियों से हैं पीड़ित..
लालू कई सारी बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिनमें सबसे बड़ी परेशानी उन्हें हुई टाइप-2 डायबटीज और ब्लड प्रेशर हैं। उनका इलाज करने वाले दोनों सीनियर डॉक्टरों के अनुसार, लालू प्रसाद 15 बीमारियों से पीड़ित हैं। इनमें सबसे बड़ी चिंता उनकी अनियंत्रित डायबिटीज है, जो पूरी तरह इंसुलिन पर निर्भर है। उन्हें किडनी की भी परेशानी है। उनके कई अंग 50 फीसदी ही कार्य करते पाए गए हैं।