आज से 15 दिन पहले 6 साल की मासूम अनीषा, जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही थी। उस वक्त उसकी हालत देखकर लोग भी सहम उठे थे, और बस बच्ची के ठीक होने की दुआ मांग रहे थे। लेकिन पेट से आर पार लोहे का सरिया और उससे हुए गहरे ज़ख्म ने भी अनीषा के हौसले को टूटने नहीं दिया। वहीं रिम्स के डॉक्टरों ने भी बच्ची की ज़िन्दगी बचाने को लेकर अपनी तत्परता दिखाते हुए उसे मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया। जिसके बाद शुक्रवार को अनीषा, डॉक्टरों को थैंक यू कहकर अपने चेहरे पर मुस्कान लिए घर को गई।
दरअसल, 15 दिन पहले छत पर खेलते वक्त अनिषा के साथ एक दुर्घटना घटी। जब अनिषा छत पर खेल रही थी तभी अचानक उसका पैर फिसल गया। जिसके बाद छत में लगा सरिया (रॉड) उसके पेट में घुस गया। ये सरिया उसके पेट को चीरते हुए उसकी आंत में जा घुसा, जिससे अनीषा की आंत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। उसके वर्टिकल पार्ट और नस को भी नुकसान पहुंचा था।
अनीषा को इस हालत में रिम्स लाया गया और तब उसके बचने की उम्मीद न के बराबर थी। इस विपरीत परिस्थिति के बावजूद 29 जनवरी को रिम्स के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में उसकी जटिल सर्जरी हुई। उसकी स्थिति इतनी गंभीर थी कि अगर सर्जरी में थोड़ी भी देर हो जाती तो उसकी मौत हो सकती थी।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर अभिषेक रंजन ने ऑपरेशन कर सभी अंगों को अच्छी तरह रिपेयर किया। अब अनिषा पूरी तरह स्वस्थ है अब इस वजह से उसे कोई परेशानी नहीं होगी। शुक्रवार को उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। हॉस्पिटल से जाते वक्त अनिषा के चेहरे पर मुस्कान थी उसने डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए कहा- थैंक यू अंकल !
इस पूरे घटनाक्रम ने जहां एक ओर रिम्स ने तत्परता के साथ कदम उठा कर अनिषा को नया जीवन दिया वहीं दूसरी तरफ अनिषा ने भी इस दर्द को झेलकर बहादुरी की मिसाल पेश की है।
अनीषा के पिता केदारनाथ ने कहा कि रिम्स के चिकित्सक भगवान है, उनकी बेटी की स्थिति इतनी गंभीर थी कि परिवार के सभी लोग डर चुके थे लेकिन डॉक्टर ने बचा लिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह डॉक्टर अभिषेक रंजन की तस्वीर अपने घर में लगा कर उनकी पूजा करेंगे।