72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर झारखंड की राजधानी रांची में मुख्य समारोह आयोजित किया गया। यहां राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने ध्वजारोहण किया। राज्यपाल ने इससे पहले संयुक्त सशस्त्र बल परेड का निरीक्षण किया। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका के पुलिस लाइन में तिरंगा झंडा फहराया। सीएम ने इस दौरान सशस्त्र बल संयुक्त परेड का निरीक्षण भी किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड के लोगों के धैर्य एवं अनुशासन तथा कोरोना योद्धाओं के सहयोग से राज्य में कोरोना महामारी का कुप्रभाव काफी हद तक कम किया गया है। प्रदेश में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। जेपीएससी की सभी परीक्षाएं कैलेंडर के अनुसार होंगी। हमारी सरकार महिला सुरक्षा के प्रति सजग एवं गंभीर है। इस दिशा में 181 हेल्पलाइन से हिंसा से पीड़ित महिलाओं को अविलंब सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही अवैध एवं अनैतिक व्यापार में शामिल महिलाओं को इससे बाहर निकालने के लिए प्रमंडल मुख्यालयों में उज्ज्वला होम की स्थापना होगी।
राज्यपाल ने आम जनता के हित में लागू योजनाओं के बारे बताते हुए कहा कि पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन को सार्वभौमिक रूप देते हुए सार्वभौमिक वृद्ध कल्याण योजना शुरू की गई है। इसके तहत 100 फीसद वृद्धों को पेंशन के रूप में प्रतिमाह 1000 रुपये बैंक खातों में उपलब्ध कराई जाएगी। राज्यपाल ने राज्य की जनता से अपने अधिकारों के साथ अपने संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की अपील की।
समारोह के दौरान राज्यपाल ने पुलिस पदाधिकारियों व जवानों को पुलिस पदक देकर सम्मानित किया। वहीं परेड के साथ विभिन्न विभागों की झांकी भी निकाली गई। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए कार्यक्रम को छोटा रखा गया। गणतंत्र दिवस को लेकर रांची सहित पूरे राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए। सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती की गई। ट्रैफिक रूट में भी बदलाव किया गया।
उधर, गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। ये एक शिष्टाचार भेंट थी। कोरोना संकट के कारण इस बार राजभवन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐट होम कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।