झारखंड के लोगों को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है। राज्य के निवासियों के 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ होंगे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को आश्वासन दिया है कि 100 यूनिट तक बिलजी बिल माफ करने की कार्रवाई जल्द पूरी की जाएगी। साथ ही इसके लिए ऊर्जा विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है। मुख्यमंत्री का कहना है कि बिजली बिल की समस्या उनके संज्ञान में भी है, और आम जनता को राहत देने का फैसला सरकार जल्द करेगी।
शुक्रवार को सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाने का समर्थन करती है। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण के मामले में देश के सभी राज्यों से अपना पक्ष मांगा था। झारखंड सरकार सर्वोच्च न्यायालय में आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाने का पक्ष रखने जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कई राज्यों की ओर से आरक्षण सीमा बढ़ाने पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उसे निरस्त कर दिया गया था। इसके अलावा कुछ राज्य सर्वोच्च न्यायालय भी गए, जहां इस मामले पर अब तक विचार किया जा रहा है।
आपको बता दें कि इससे पहले विधायक प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री से सवाल किया था कि निजी क्षेत्र में राज्य सरकार 75 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। इसके अलावा 50 प्रतिशत आरक्षण पहले से लागू है। यह 75 प्रतिशत आरक्षण बचे हुए 50 प्रतिशत पर लागू होगा या नहीं। साथ ही उन्होंने सरकारी क्षेत्र में भी आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की मांग की।
शुक्रवार को स्पीकर के आदेश पर सदन परिसर में भूख हड़ताल पर बैठे गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो को मंत्री चंपाई सोरेन एवं विधयक बिरंची नारायण ने मनाया और उन्हें साथ ले कर सदन में पहुंचे। सदन में दिए गए आश्वासन का अनुपालन नहीं होने और सदन की अवमानना करने के साथ सरकारी पदाधिकारियों के उदासीन, संवेदनहीन, लापरवाह और हठकर्मी होने का आरोप लगा कर विधायक लंबोदर नारायण ने विधानसभा परिसर में भूख हड़ताल शुरू की थी।