रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग ने मनाया स्वर्ण जयंती समारोह..

रांची विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग का स्वर्ण जयंती समारोह शनिवार को आयोजित किया गया। इसके तहत राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई, जिसका विषय था- संस्कृत साहित्य में उत्सव परंपरा। इसमें बतौर मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एए खान मौजूद थे। मुख्य वक्ता थे कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गंगाधर पंडा। अध्यक्षता पूर्व कुलपति डॉ केके नाग ने की। कार्यक्रम में कुलपति डॉ कामिनी कुमार, संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना कुमारी दुबे मौजूद थीं। इस अवसर पर डॉ एए खान ने कहा कि मातृभाषा के रूप में संस्कृत का विश्लेषण आंकड़ों के आधार पर होना चाहिए। कहा कि उत्सव भारतीय परंपरा के मूल में है। यहां की संस्कृति उत्सवधर्मी रही है। उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।

कुलपति प्रो कामिनी कुमार ने कहा कि उत्सव की वैज्ञानिकता और उसके महत्व को संस्कृत के वैदिक और लौकिक साहित्य में देखा जा सकता है। उन्होंने विगत नैक के मूल्यांकन में संस्कृत विभाग के योगदान की सराहना की। साथ ही आगामी नैक मूल्यांकन की तैयारी के लिए प्रोत्साहित भी किया। कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गंगाधर पंडा ने संस्कृत और लौकिक साहित्य की विविध विधाओं में उत्सवों के वैशिष्ट्य को रेखांकित किया।

पत्रिका का विमोचन..
मौके पर विभागीय पत्रिका सनातनी के स्वर्ण जयंती विशेषांक और पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो चंद्रकांत शुक्ला के अभिनंदन ग्रंथ शुक्लयशोविलाश: का विमोचन किया गया। प्रो चंद्रकांत शुक्ला ने संस्कृत विभाग के 50 वर्ष की यात्रा को बताया। सनातनी पत्रिका के संपादक डॉ प्रकाश सिंह ने सनातनी विशेषांक के महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया। सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गोपाल पाठक ने कहा कि संस्कृत भाषा में प्रकाशन और भाषा विज्ञान के पेटेंट पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने संस्कृत भाषा की आधुनिक युग में प्रासंगिकता का उल्लेख किया। उमाशंकर शर्मा ऋषि ने भाषा विज्ञान में अपभ्रंश के प्रयोग पर बात की। कहा कि उत्सव का अर्थ है ऊंचाई की ओर ले जानेवाला समारोह। पूर्व कुलपति प्रो केके नाग ने कहा कि इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाला हर व्यक्ति ईश्वर है, अगर वह खुद को समझ सके और अपनी प्रतिभा को निखार सके।

छात्राओं को सम्मानित किया गया..
मौके पर विभाग की स्थापना काल की छात्रा डॉ संगीता व डॉ नंदिनी चौधरी को सम्मानित किया गया। वैदिक मंगलाचरण अनुपमा और पूर्वा ने किया। संचालन डॉ शैलेश मिश्र ने किया। कार्यक्रम में डॉ नीलिमा पाठक समेत अन्य शिक्षकगण मौजूद थे।

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