कांग्रेस प्रभारी देवघर-दुमका दौरे पर, शुरू किया संवाद..

दुमका। झारखंड के गिरिडीह के मधुबन में चिंतन शिविर के बाद रविवार को कांग्रेस ने दुमका में संताल परगना प्रमंडल के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद शुरू किया। दुमका के इंडोर स्टेडियम में आयोजित दुमका संवाद में मुख्य रूप से झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय माैजूद रहे। वह कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से संताल परगना में कांग्रेस की जमीनी हालात से रूबरू हुए। दुमका के इंडोर स्टेडियम में झारखंड के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के अलावा ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बंधु तिर्की, विधायक दीपिका पांडेय सिंह, डा.इरफान अंसारी समेत कई दिग्ग्ज कांग्रेसी दुमका के इंडोर स्टेडियम पहुंचे। इन नेताओं को यहां भव्य व पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया।

इंडोर स्टेडियम में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व नेताओं से सीधा संवाद कर आगे की रणनीति तय की। बता दें की झारखंड का संताल परगना राज्य में सत्ताधारी झामुमो का जनाधार वाला इलाका माना जाता है। दुमका से ही मुख्यमंत्री हेमंंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन विधायक हैं। उनकी भाभी सीता सोरेन जामा से विधायक हैं। राज्य में कांग्रेस का झामुमो के साथ गठबंधन है। ऐसे में दुमका में कांग्रेस की सक्रियता के मायने निकाले जा रहे हैं।

इससे पहले सुबह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कांग्रेस प्रभारी ने देवघर के बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा सहित कई और नेता मौजूद रहे। पूजा के बाद पत्रकारों ने बातचीत में अविनाश पांडेय ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन में फंसे झारखंड व देश के नागरिकों के सकुशल वापसी के लिए भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना की है। कहा कि वह कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए सबके साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ईश्वर इस कार्य में सफलता की शक्ति प्रदान करें। ऐसी कामना है।

गौरतलब है की राज्य के पांच मंडलों में संवाद सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। ये 5-7 मार्च और 12-13 मार्च को क्रमश: हजारीबाग, दुमका, रांची, डाल्टनगंज और जमशेदपुर में होगा। इसमें प्रदेश प्रतिनिधियों के अलावा, जिला कांग्रेस से लेकर ब्लॉक, पंचायत और बूथ समितियों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसके अलावा प्रदेश के सभी फ्रंटल के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। हर सम्मेलन में 800 से 1100 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।