राजधानी के हाई सिक्यूरिटी कहे जाने वाले मोरहाबादी मैदान क्षेत्र में गुरूवार को गैंगवार होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन एक्शन मोड में है। प्रशासन ने शुक्रवार की शाम 6 बजे से मोरहाबादी मैदान में अगले आदेश तक के लिए धारा-144 लागू किया है। यहां लगने वाले ठेला, खोमचा, दुकान में जमावड़ा लगने के कारण दुकानें लगाने पर रोक लगा दी गई है। इसी को लेकर रांची नगर निगम की टीम आज मोरहाबादी मैदान पहुंचकर दुकान हटाने लगी है, लेकिन मोराहबादी मैदान के दुकानदार प्रदर्शन करने लगे है। मोरहाबादी दुकानदार संघ के बैनर तले वे विरोध जता रहे हैं। दुकानदार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। उनका कहना है कि 15 दिन के लिए दुकान अगर नहीं लगाना है तो चलेगा, मगर पूरी तरह से दुकान हटाने की बात नहीं मानेंगे। प्रशासन अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
मालूम हो कि रांची नगर निगम की ओर से 24 घंटे में दुकानें हटाने का अनाउंसमेंट किया गया है। साथ ही दुकानदारों को नोटिस भी थमाया गया है। शाम तक दुकानें हटाने का निर्देश जारी किया गया है। रांची नगर निगम द्वारा दुकानदार के लिए ऐलान किया जा रहा है कि अपने दुकान हटा लिया जाए। नगर निगम का कहना है कि सामान नहीं हटाया गया तो सामान को जब्त कर ली जाएगी। सब्जी बाजार व ठेला लगाने पर भी रोक लगा दी गई है। आज सुबह से ही जिला प्रशासन, रांची नगर निगम और पुलिस प्रशासन अपनी तैयारी में जुट गई है। मौके पर निगम की इंफोर्समेंट टीम लाल गाड़ी (अतिक्रमण हटाओ वाहन) के साथ पहुंच गई है। पुलिस भी मौके पर तैनात है। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री की ओर से पदाधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश के कारण प्रशासन भी कार्रवाई की पूरी तैयारी में है। जरूरत पड़ने पर सख्त रवैया भी अपना सकती है।
सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए गरीबों को उजाड़ने पर तुली है..
इधर दुकानों के हटाने केरांची नगर निगम के इस फरमान के बाद संबंधित दुकानदारों ने मेयर के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। अपनी रोजी-रोटी के लिए न्याय की गुहार लगाई। मेयर ने सरकार से मांग की है कि अगर मोरहाबादी मैदान के इर्द-गिर्द आपराधिक तत्वों की अड्डेबाजी हो रही है तो इन दुकानदारों को किसी अन्य स्थल पर शिफ्ट करने की व्यवस्था की जाए। गरीब दुकानदारों को उजाड़ने से आपराधिक समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। मेयर ने कहा कि CM हेमंत सोरेन के जिम्मे गृह मंत्रालय भी है। राज्य के 24 जिलों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके ऊपर है। लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी से न सिर्फ पीछे हट रहे हैं, बल्कि अपनी खामियों को छिपाने के लिए गरीब दुकानदारों को प्रताड़ित कर रहे हैं। जब तक अपराधियों के मन-मस्तिष्क में पुलिस का खौफ नहीं होगा, तब तक आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाना संभव नहीं होगा।