झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र में सचिन वर्मा के साथ हुई मॉब लिचिंग का मुद्दा उठा। इस मामले पर सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया| सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों और माले विधायक बिनोद सिंह ने सचिन वर्मा की मौत का मामला उठाया| विपक्षी विधायक दोषी पदाधिकारियों पर सरकार द्वारा करवाई की मांग कर रहे थे| हालांकि संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सदन में इस मामले पर जवाब दिया औऱ कहा कि ये चोरी का मामला था और पब्लिक की पिटाई से सचिन वर्मा की मौत हुई है| उसको पहले हॉस्पिटल ले जाना चाहिए था| उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि मामले में सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी|
गौरतलब है कि कोतवाली के अपर बाजार इलाके में सोमवार को सचिन नाम के एक युवक की चोरी के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी| इस मामले में रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कोतवाली थाने के तीन पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है| वहीं मामले की जांच की जिम्मेदारी अब रांची के सिटी एसपी सौरव को सौंपी गई है|
एसएसपी रांची ने देर रात कार्रवाई करते हुए कोतवाली थाने के दरोगा वैभव सिंह, जमादार विजय शंकर सिंह और जमादार विश्राम तिग्गा को निलंबित किया| मामले की निष्पक्ष जांच के लिए दूसरे थाने के इंस्पेक्टर को आईओ बनाया गया है| रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा|
वहां भीड़ द्वारा बेटे की हत्या के बाद सचिन की मां के बयान पर 40 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है| जबकि 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है| बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं| इधर, मृतक सचिन वर्मा का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड की देखरेख में रिम्स में करवाया गया, पोस्टमार्टम के दौरान उसकी वीडियोग्राफी भी की गई है|