रांची -हावड़ा स्पेशल ट्रेन हावड़ा ना जाकर टाटानगर तक ही जाएगी | आपको बता दें कि ये बदलाव 27 फरवरी के लिए किया गया है। दरअसल, दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर मंडल के तहत हावड़ा खड़गपुर जंक्शन पर अंदुल और संकरैल स्टेशन के बीच गार्डर लांचिंग का काम किया जायेगा। इसके तहत सात घंटे का ट्रैफिक वर्क पावर ब्लॉक लिया जाएगा। जिसकी वजह से 27 फरवरी को ट्रेन संख्या 02896 रांची हावड़ा स्पेशल ट्रेन हावड़ा स्टेशन तक नहीं जाएगी। यह ट्रेन रांची से खुलकर टाटानगर रेलवे स्टेशन तक ही जा पायेगी । जबकि ट्रेन संख्या 02895 हावड़ा रांची स्पेशल ट्रेन हावड़ा स्टेशन की जगह टाटानगर स्टेशन से खुलकर रांची तक आएगी।
जानकारी के अनुसार ,रांची रेल मंडल के बालसिरिंग रेलवे स्टेशन पर परिचालन की आधुनिक पद्धति इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पद्धति लगाने का काम को पूरा कर लिया गया है।वहीं , बालसिरिंग रेलवे स्टेशन पर नई स्टेशन बिल्डिंग और नए प्रतिक्षालय का भी निर्माण किया गया है। इससे पहले बालसिरिंग स्टेशन पर परिचालन पुरानी पद्धति से किया जाता था। इसमें स्टेशन के दोनों छोर पर स्थित केबिन के जरिए लीवर फ्रेम द्वारा ट्रेन का परिचालन किया जाता था।लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पद्धति द्वारा कंप्यूटर के जरिए ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा रहा है। इस पद्धति के द्वारा ट्रेनों की सुरक्षा और संरक्षण में वृद्धि होगी। साथ ही ,ट्रेनों का परिचालन पहले से ज्यादा सुचारु रूप से चल सकेगा |
आपको विस्तार रूप से बताते हैं कि क्या है इंटरलॉकिंग पद्धति |सभी रेलवे स्टेशन पर कई लाइन होती हैं। जिन्हें आपस में जोड़ने के लिए ‘प्वाइंट्स’ होते हैं और प्वाइंट्स चलाने के लिए हर प्वाइंट पर एक मोटर लगी होती है। जिसके बाद आता है सिगनल। आपको बता दें कि सिगनल के द्वारा ही लोको पायलट को अनुमति दी जाती है कि वह अपनी ट्रेन के साथ रेलवे स्टेशन के यार्ड में प्रवेश करे।जबकि प्वाइंटस् और सिगनलों के बीच में एक लॉकिंग इस प्रकार से होती है कि प्वाइंटस् सेट होने के बाद जिस लाइन का रूट सेट हुआ हो उसी लाइन का सिगनल आये । इसी लॉकिंग को सिगनल इंटरलॉकिंग कहते हैं। यही काम अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगा।