आज 12 अप्रैल सोमवार को शाअबानुल मोअज्जम की 29 तारीख है। इसमें रमजानुल मुबारक का चांद नजर आने की संभावना है। एदार-ए -शरिया झारखंड के नजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने इस बात की जानकारी देते हुई बताया कि शरिया के पदाधिकारियों ने चांद देखने के लिए 52 केंद्र बनाए हैं। इन केंद्रों पर आधुनिक दूरबीन से चांद देखने की कोशिश की जाएगी।
एदार ए शरिया के पदाधिकारियों ने आम लोगों से भी कहा है कि रमजानुल मुबारक का चांद देखने की पूरी कोशिश करें और विशेषकर किसी ऊंची जगह से चांद देखें। मस्जिदों के इमाम, उलेमा ए केराम और मस्जिद कमेटियों के सदस्य भी सजग रहें। अगर कहीं चांद नजर आ जाए तो फौरन एदार ए शरिया झारखंड और इस्लामी मरकज को सूचित करें। साथ ही क्षेत्र के जो जिम्मेदार आलिमे दीन हैं उन्हें और जिले में काईम जिला व क्षेत्रीय रुयते हेलाल केंद्र (चांद देखने के केंद्र) के जिम्मेदारों को भी खबर करें। ताकि जरूरत पड़ने पर शरई शहादत हासिल की जा सके।
मौजूदा परिस्थिति के अनुसार एदार ए शरिया ने रांची छोड़ अन्य जगहों पर चांद होने की सूरत में शरई शहादत प्राप्त करने हेतु बड़े पैमाने पर तैयारी की है और राज्य भर के चप्पे-चप्पे पर हमारे जिम्मेदार उलेमा ए केराम और समाज के प्रबुद्ध लोग सजग हैं। ।
चांद देखने के लिए नई तकनीक के दूरबीन हासिल किए गए हैं। कभी-कभी चांद के मामले में असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है। उससे निपटने के लिए भी एदार ए शरीया ने ठोस एवं कारगर कदम उठाया है। वहीं तमाम मुसलमानों से अपील की गई है कि वह चांद के मामले में काजीयाने शरीयत के फैसले का इंतजार करें और हर हाल में अफवाह से बचें।
एदार ए शरिया ने चांद के विभिन्न कमेटियों को भी कहा है कि वो बिना शरई सबूत के किसी भी हाल में ऐलान ना करवाएं बल्कि हर हाल में शरीयत का ख्याल रखें। एदार ए शरीया ने चांद देखने के लिए दरगाह रेसालदार को मुख्य केंद्र बनाया है। यहीं से राज्य भर में चांद के मामलों पर नजर रखी जाएगी एवं निर्धारित समय पर विधिवत घोषणा की जाएगी। राज्य भर में कुल 52 स्थानों पर हेलाल केंद्र बनाए गए हैं।