रांची, झारखंड: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मानहानि मामले में झारखंड हाईकोर्ट में आज (10 जून) अहम सुनवाई हुई। यह मामला वर्ष 2018 के उस बयान से जुड़ा है, जिसमें राहुल गांधी ने भाजपा के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसी मामले में चाईबासा की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया था, जिसके खिलाफ राहुल गांधी की ओर से राहत की गुहार लगाई गई थी।
क्या है मामला?
28 मार्च 2018 को नई दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के एक अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी ने कथित रूप से कहा था कि “भाजपा में कोई भी हत्यारा अध्यक्ष बन सकता है… यह चोरों का गिरोह है।” इस बयान को भारतीय जनता पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं ने अपमानजनक बताते हुए राहुल गांधी पर चाईबासा कोर्ट में आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया।
मामले की अब तक की कानूनी प्रक्रिया:
• 20 फरवरी 2020: झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला चाईबासा कोर्ट से रांची की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया गया।
• 2023-24 में: कोर्ट ने पहले समन और फिर जमानती वारंट जारी किया, लेकिन राहुल गांधी किसी भी तारीख को कोर्ट में पेश नहीं हुए।
• इसके बाद: कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी कर 26 जून 2024 को पेश होने का आदेश दिया।
राहुल गांधी की याचिका पर क्या हुआ हाईकोर्ट में?
राहुल गांधी के वकील ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वारंट को रद्द करने की मांग की और बताया कि वे 26 जून को व्यस्त हैं, लेकिन 6 अगस्त को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होंगे। हाईकोर्ट ने पूछा कि जब विशेष अदालत ने वारंट जारी किया था तो राहुल गांधी पूर्व में क्यों उपस्थित नहीं हुए। अदालत ने उनके वकील से यह भी पूछा कि क्या वे 6 अगस्त को पेशी के लिए अंडरटेकिंग (लिखित वचन) देंगे।
इस पर राहुल गांधी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि वे अंडरटेकिंग देने को तैयार हैं। हाईकोर्ट ने याचिका को डिस्पोज करते हुए निर्देश दिया कि राहुल गांधी 6 अगस्त को विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट रांची में अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा ने एक बार फिर कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोला है। वहीं, कांग्रेस ने इसे एक राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है और कहा है कि पार्टी न्यायपालिका का सम्मान करती है तथा राहुल गांधी तय तारीख को कोर्ट में उपस्थित होंगे।
राहुल गांधी के खिलाफ चल रहा यह मामला अब निर्णायक मोड़ पर है। अगर वे 6 अगस्त को कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो यह उनके लिए कानूनी रूप से और भी अधिक परेशानी का सबब बन सकता है। वहीं, इस मामले की राजनीतिक गूंज आने वाले महीनों में भी सुनाई देती रहेगी।