11 गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में चयनित इतिहास एवं नागरिक शास्त्र विषय में सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर लगी रोक के बाद बीते सोमवार को चयनित अभ्यर्थियों ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर के आवास का घेराव कर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
दरअसल, कार्मिक विभाग ने 18 फरवरी को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग व राज्य स्कूली एवं साक्षरता विभाग को महाधिवक्ता के परामर्श का हवाला देते हुए नियुक्ति के इस संदर्भ में पत्र भेजा। जिसके बाद राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिलों में होने वाले शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। विभाग के इस निर्णय के बाद अक्रोशित अभ्यर्थियों ने मंगलवार को राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन का मन बना लिया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 2016 में जो नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी जो अबतक पूरी नहीं हुई है। आंदोलन कर रहे अभ्यर्थी गणेश शंकर शाह ने बताया कि 11 गैर अनुसूचित जिले को छोड़कर अन्य जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वहां शिक्षकों ने अपना काम भी शुरू कर दिया है।
आपको बता दें नियुक्ति के संबंध में कार्मिक विभाग ने पिछले वर्ष 13 नवंबर को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को पत्र भेजकर कहा था कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश से 11 जिलों में नियुक्ति में कोई अड़चन नहीं है। जिसके बाद नियुक्ति की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। अब 18 फरवरी को आयोग ने पत्र भेजकर नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
हालाँकि कल के प्रदर्शन के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने अभ्यर्थियों को विश्वास दिलाया है कि जल्द ही उनकी नियुक्ति की जाएगी। जिसमें कोई परेशानी नहीं होगी।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर किया गया है और अब तक इस विषय में कोई निर्णय नहीं आया है। जब तक इसका फैसला नहीं आता है तब तक इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि इस फैसले से 11 जिलों की नियुक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन अभ्यर्थियों को फैसला आने तक इंतजार करना होगा।
ज्ञात हो कि झारखंड शिक्षा विभाग की तरफ से 2016 में हाईस्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था। जिसे दो वर्गों में बांटा गया था। पहला अनुसूचित जिला और दूसरा गैर अनुसूचित जिला जिसका विवाद कोर्ट में चला गया था। इस कारण से अनुसूचित जिले प्रक्रिया पूरी हो गई लेकिन गैर अनुसूचित जिले में नियुक्ति के मामले में देरी हो गयी।