जानें कैसे 5 दिनों से लाखों लोगों के परेशानी बन गया संविदाकर्मियों का आंदोलन..

सेवा विस्तार की मांग को लेकर 14वें वित्त आयोग में संविदा पर नियुक्त पंचायती राज लेखा लिपिक और जूनियर इंजीनियरों का धरना अब भी जारी है। राज्य भर के कर्मी बिरसा चौक पर बीते 17 दिसंबर से धरना दे रहे हैं। लेकिन पिछले 5 दिनों से इनका ये आंदोलन रांची के 1 लाख लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।

दरअसल 22 जनवरी को इन आंदोलनरत कर्मियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी थी, जिसमें एक दर्जन से ज्यादा कर्मी घायल हो गए थे। पुलिस की इस बर्बरता से नाराज आंदोलनरत कर्मियों ने एचईसी गेट को ही पूरी तरह बंद कर दिया है। इसकी वजह से अब एचईसी कॉलोनी और धुर्वा इलाके में रहने वाले 1 लाख से ज्यादा लोग मुख्य शहर से कट गए हैं। गेट बंद होने की वजह से 200 मीटर की दूरी के लिए भी इन्हें 4 किलोमीटर घूमना पड़ रहा है।

लोगों को क्यों हो रही परेशानी..
एचईसी इलाके में रहने वाले लोग बताते हैं कि ये गेट पूरे मोहल्ले का एंट्री गेट है। गेट बंद होने के कारण 200 मीटर दूर हीनू चौक भी जाने के लिए पहले बाइपास, इसके बाद डीपीए, फिर मेकॉन कॉलोनी होते हुए 4 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। जो लोग बाहर से आ रहे हैं, या जिन्हें इसकी जानकारी नहीं है वो भटक रहे हैं। ऐसी स्थिति में न तो प्रशासन उनकी परेशानी को देख रहा है और न ही आंदोलनकारी समझ रहे हैं।

जब तक मांगे पूरी नहीं होती जारी रहेगा आंदोलन..
उधर, आंदोलनरत संविदाकर्मियों का कहना है कि वे मोहल्ले वालों की परेशानी को तो समझ रहे हैं लेकिन उनकी परेशानी को कोई नहीं समझ रहा है। एक तो पहले नौकरी जाने का खतरा है, ऊपर से पुलिस वाले बेरहमी से पीट रहे हैं। सरकार को हमारी परेशानी नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि वो भी चाहते हैं कि गेट खुले लेकिन जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती उनका आंदोलन जारी रहेगा।

इस सब के बीच रांची की एसडीओ समीरा एस ने कहा कि वो लोगों की परेशानियों से अवगत हैं और आंदोलन पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलनरत कर्मियों से उनकी वार्ता भी जारी है। फिलहाल आंदोलनरत कर्मियों को राजभवन के जाकिर हुसैन पार्क में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। बहुत जल्द उन्हें शिफ्ट कर दिया जाएगा।

क्यों कर रहे हैं आंदोलन..
14वें वित्त आयोग के संविदाकर्मी अपनी सेवा विस्तार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड में14वें वित्त आयोग के तहत करीब 1600 जूनियर इंजीनियर्स और लेखा लिपिक नियुक्त किये गये थे। इनकी सेवा मार्च, 2020 में खत्म हो गयी थी, लेकिन सरकार की ओर से पहले इन्हे 3 महीने और फिर 6 महीने का सेवा विस्तार दिया गया। लेकिन दिसंबर, 2020 में उनकी सेवा खत्म होने के बाद सरकार की ओर से उन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया। 15वें वित्त आयोग के तहत आउटसोर्सिंग पर नए कर्मयों की नियुक्ति शुरू कर दी गई है।