कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर को रोकने और उससे निपटने के लिए झारखंड सरकार तमाम कोशिशों में जुटी है। झारखंड में जल्द ही जीनोम सिक्वेंसिंग हो पाएगी। इसके लिए पहले चरण में 2 मशीनें आएंगी। जिसे रांची और जमशेदपुर के मेडिकल कॉलेज में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए मेडिकल कॉलेज से प्रस्ताव मांगा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि तीसरी लहर से पहले जिनोम सीक्वेंसिंग की मशीन लाकर झारखंड में शुरू कर देना है।इससे 6 घंटे में ही कोरोना वायरस के वैरिएंट का पता चल जाएगा और उसके विस्तार को रोकने में कामयाबी मिलेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तमाम प्रक्रियाएं पूरा कर रहा है।
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन कितना संक्रामक या घातक होगा, इसकी जानकारी होने के बाद सरकार तेजी से एहतियाती उपाय कर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेगी। मशीन के रांची और जमशेदपुर में स्थापित होने के बाद लगातार रैंडम नमूने लेकर उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग का कार्य जारी रहेगा। इनके रिपोर्ट के आधार पर सरकार कोरोना से निपटने की बेहतर रणनीति बना सकेगी।
दरअसल जीनोम सिक्वेंसिंग से संक्रमण की व्यापकता और क्षमता का पता चलता है। उससे वायरस का विवरण निकलता है। मानव कोशिकाओं के भीतर आनुवंशिक पदार्थ होता है जिसे DNA, RNA कहते हैं। इन सभी पदार्थों को सामूहिक रुप से जीनोम कहा जाता है। वह स्ट्रेन को वैज्ञानिक भाषा में जेनेटिक वेरिएंट कहते हैं। सरल भाषा में इसे अलग-अलग वेरिएंट भी कहा जाता है। इन वेरिएंट का नामकरण किया जाता हैं, जिसे डेल्टा, कप्पा आदि कहते हैं।