पुलिस संस्मरण दिवस के मौके पर शहीद पुलिसकर्मियों को दी गई श्रद्धांजलि..

पुलिस संस्मरण दिवस के मौके पर बुधवार को शहीद पुलिसकर्मियों को याद किया गया। इसके तहत जैप वन वाहिनी परिसर में शहीद जवानों के लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान, झारखंड डीजीपी एमवी राव ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज का दिन उन पुलिसकर्मियों से प्रेरणा लेने का दिन है जिन्होंने अपनी सेवा के दौरान बलिदान दिया है| उन्होंने कहा कि पुलिस संस्मरण दिवस के मौके पर हम उन शहीद पुलिस पदाधिकारियों एवं जवानों को याद कर रहे हैं जिन्होंने समाज में शांति एवं विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उग्रवादियों व अपराधियों से लोहा लेते हुए खुद को बलिदान कर दिया।

डीजीपी राव ने कहा कि 31 अक्टूबर का दिन एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। शहीदों द्वारा दिए गए बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि, देश भर में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाता है। इसी मौके पर बुधवार को रांची स्थित जैप वन वाहिनी परिसर में पुलिस संस्मरण दिवस मनाया गया। इस दौरान बीते एक साल में शहीद हुए राज्य के आठ पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।शहीद हुए इन पुलिसकर्मियों में एएसआई सुकरा उरांव व चंद्राय सोरेन, सिपाही खंजन कुमार महतो, अखिलेश राम और लखिंद्र मुंडा, होमगार्ड जवान जमुना प्रसाद, सकिंद्र सिंह और शंभू प्रसाद साहू शामिल हैं।

उधर, पुलिस लाइन में भी पुलिस स्मारक पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई। यहां एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा समेत कई पुलिस अधिकारियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी| इसके साथ ही एसएसपी ने यहां पहुंचे शहीद के परिवारजनों को सम्मानित किया।

दरअसल, 21 अक्टूबर 1959 में भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कंपनी को लद्दाख के ‘हाट-स्प्रिंग‘ में तैनात किया गया था। कंपनी को टुकडिय़ों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया था। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल ‘हाट-स्प्रिंग’ में गश्त कर रहा था, तभी घात लगाकर बैठी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर आक्रमण कर दिया। उस वक्त ऐसी विषम परिस्थिति में भी गश्ती बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया।

इस दौरान मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। तब से बीते 61 साल से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के इन बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों व सभी राज्यों की सिविल पुलिस द्वारा ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

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