झारखंड सरकार ने टीकाकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्मित अमृतवाहिनी एप के जरिए राज्य के लोगों को वैक्सीन दिए जाने की प्रक्रिया को मंजूरी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वे कोविन एप की जगह अमृत वाहिनी एप के इस्तेमाल करने की इजाजत देने का निर्देश जारी करे।
झारखंड सरकार की याचिका में कहा गया है कि झारखंड में 18 से 45 वर्ष के उम्र के लोगों की संख्या लगभग 1.4 करोड़ से ज्यादा है। सभी को वैक्सीन दिए जाने की जरूरत है, ताकि झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर के आने से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके। राज्य सरकार ने 18 से 45 वर्ष के लोगों के टीकाकरण का निर्णय लिया है। लेकिन वैक्सीन लेने के लिए फिलहाल कोविन एप में सभी को रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ रहा है जिसकी प्रकिया थोड़ी जटिल है।
झारखंड के कई इलाकों में लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है। इसकी वजह से लोग चाह कर भी वैक्सीन नहीं ले सकते। इसलिए राज्य सरकार के द्वारा झारखंड के लोगों के लिए वैक्सीन दिए जाने के लिए अमृत वाहिनी एप तैयार किया गया है। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही प्रक्रियाओं से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसलिए अमृत वाहिनी एप के जरिए वैक्सीन देने की मंजूरी दिए जाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है।
बता दें की देश में कोरोना संक्रमण के कारण बनी गंभीर स्थिति और मरीजों को ऑक्सीजन व दवाइयों के लिए हो रही परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है।